Friday, April 17, 2015

धारा 370 है क्या? इसे भारत की एकता, अखंडता एवं राष्ट्रीयता के लिए तुरंत हटाया जाना चाहिए। (What is Section 370? For the unity and integrity of India should immediately delete it..)

धारा 370 भारतीय संविधान का एक विशेष अनुच्छेद (धारा) है जिसके द्वारा जम्मू एवं कश्मीर राज्य को सम्पूर्ण भारत में अन्य राज्यों के मुकाबले विशेष अधिकार अथवा (विशेष दर्ज़ा) प्राप्त है। देश को आज़ादी मिलने के बाद से लेकर अब तक यह धारा भारतीय राजनीति में बहुत विवादित रही है। भारतीय जनता पार्टी एवं कई राष्ट्रवादी दल इसे जम्मू एवं कश्मीर में व्याप्त अलगाववाद के लिये जिम्मेदार मानते हैं तथा इसे समाप्त करने की माँग करते रहे हैं। भारतीय संविधान में अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष उपबन्ध सम्बन्धी भाग 21 का अनुच्छेद 370 जवाहरलाल नेहरू के विशेष हस्तक्षेप से तैयार किया गया था। स्वतन्त्र भारत के लिये कश्मीर का मुद्दा आज तक समस्या बना हुआ है।

विशेष अधिकार :
धारा 370 के प्रावधानों के अनुसार, संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है लेकिन किसी अन्य विषय से सम्बन्धित क़ानून को लागू करवाने के लिये केन्द्र को राज्य सरकार का अनुमोदन चाहिये।
इसी विशेष दर्ज़े के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती।
इस कारण राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्ख़ास्त करने का अधिकार नहीं है।
1976 का शहरी भूमि क़ानून जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता।
इसके तहत भारतीय नागरिक को विशेष अधिकार प्राप्त राज्यों के अलावा भारत में कहीं भी भूमि ख़रीदने का अधिकार है। यानी भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में ज़मीन नहीं ख़रीद सकते।
भारतीय संविधान की धारा 360 जिसके अन्तर्गत देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होती।
जम्मू और कश्मीर का भारत में विलय करना ज़्यादा बड़ी ज़रूरत थी और इस काम को अंजाम देने के लिये धारा 370 के तहत कुछ विशेष अधिकार कश्मीर की जनता को उस समय दिये गये थे। ये विशेष अधिकार निचले अनुभाग में दिये जा रहे हैं।
विशेष अधिकारों की सूची :
1. जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है।

2. जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग होता है।

3. जम्मू - कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।

4. जम्मू-कश्मीर के अन्दर भारत के राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है।

5. भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश जम्मू-कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं।

6. भारत की संसद को जम्मू-कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यन्त सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती है।

7. जम्मू-कश्मीर की कोई महिला यदि भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जायेगी। इसके विपरीत यदि वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जायेगी।

8. धारा 370 की वजह से कश्मीर में RTI लागू नहीं है, RTE लागू नहीं है, CAG लागू नहीं है। संक्षेप में कहें तो भारत का कोई भी कानून वहाँ लागू नहीं होता।

9. कश्मीर में महिलाओं पर शरियत कानून लागू है।

10. कश्मीर में पंचायत के अधिकार नहीं।

11. कश्मीर में चपरासी को 2500 रूपये ही मिलते है।

12. कश्मीर में अल्पसंख्यकों [हिन्दू-सिख] को 16% आरक्षण नहीं मिलता।

13. धारा 370 की वजह से कश्मीर में बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते हैं।

14. धारा 370 की वजह से ही कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को भी भारतीय नागरिकता मिल जाती है।

धारा 370 के सम्बन्ध में कुछ विशेष बातें:
1.) धारा 370 अपने भारत के संविधान का अंग है।

2.) यह धारा संविधान के 21 वें भाग में समाविष्ट है जिसका शीर्षक है - ‘अस्थायी, परिवर्तनीय और विशेष प्रावधान’ (Temporary, Transitional and Special Provisions).

3.) धारा 370 के शीर्षक के शब्द हैं - जम्मू -कश्मीर के सम्बन्ध में अस्थायी प्रावधान (“Temporary provisions with respect to the State of Jammu and Kashmir”).

4.) धारा 370 के तहत जो प्रावधान है उनमें समय समय पर परिवर्तन किया गया है जिनका आरम्भ 1954 से हुआ। 1954 का महत्त्व इस लिये है कि 1953 में उस समय के कश्मीर के वजीर-ए-आजम शेख महम्मद अब्दुल्ला, जो जवाहरलाल नेहरू के अंतरंग मित्र थे, को गिरफ्तार कर बंदी बनाया था। ये सारे संशोधन जम्मू-कश्मीर के विधानसभा द्वारा पारित किये गये हैं।

संशोधित किये हुये प्रावधान इस प्रकार के हैं :-

(a) 1954 में चुंगी, केंद्रीय अबकारी, नागरी उड्डयन और डाकतार विभागों के कानून और नियम जम्मू-कश्मीर को लागू किये गये।
(b) 1958 से केन्द्रीय सेवा के आई ए एस तथा आय पी एस अधिकारियों की नियुक्तियाँ इस राज्य में होने लगीं। इसी के साथ सी ए जी (CAG) के अधिकार भी इस राज्य पर लागू हुए।
(c) 1959 में भारतीय जनगणना का कानून जम्मू-कश्मीर पर लागू हुआ।
(d) 1960 में सर्वोच्च न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के निर्णयों के विरुद्ध अपीलों को स्वीकार करना शुरू किया, उसे अधिकृत किया गया।
(e) 1964 में संविधान के अनुच्छेद 356 तथा 357 इस राज्य पर लागू किये गये। इस अनुच्छेदों के अनुसार जम्मू-कश्मीर में संवैधानिक व्यवस्था के गड़बड़ा जाने पर राष्ट्रपति का शासन लागू करने के अधिकार प्राप्त हुए।
(f) 1965 से श्रमिक कल्याण, श्रमिक संगठन, सामाजिक सुरक्षा तथा सामाजिक बीमा सम्बन्धी केन्द्रीय कानून राज्य पर लागू हुए।
(g) 1966 में लोकसभा में प्रत्यक्ष मतदान द्वारा निर्वाचित अपना प्रतिनिधि भेजने का अधिकार दिया गया।
(h) 1966 में ही जम्मू-कश्मीर की विधानसभा ने अपने संविधान में आवश्यक सुधार करते हुए - ‘प्रधानमन्त्री’ के स्थान पर ‘मुख्यमन्त्री’ तथा ‘सदर-ए-रियासत’ के स्थान पर ‘राज्यपाल’ इन पदनामों को स्वीकृत कर उन नामों का प्रयोग करने की स्वीकृति दी। ‘सदर-ए-रियासत’ का चुनाव विधानसभा द्वारा हुआ करता था, अब राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा होने लगी।
(i) 1968 में जम्मू-कश्मीर के उच्च न्यायालय ने चुनाव सम्बन्धी मामलों पर अपील सुनने का अधिकार सर्वोच्च न्यायालय को दिया।
(j) 1971 में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत विशिष्ट प्रकार के मामलों की सुनवाई करने का अधिकार उच्च न्यायालय को दिया गया।
(k) 1986 में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 249 के प्रावधान जम्मू-कश्मीर पर लागू हुए।
(l) इस धारा में ही उसके सम्पूर्ण समाप्ति की व्यवस्था बताई गयी है। धारा 370 का उप अनुच्छेद 3 बताता है कि ‘‘पूर्ववर्ती प्रावधानों में कुछ भी लिखा हो, राष्ट्रपति प्रकट सूचना द्वारा यह घोषित कर सकते है कि यह धारा कुछ अपवादों या संशोधनों को छोड दिया जाये तो समाप्त की जा सकती है।
इस धारा का एक परन्तुक (Proviso) भी है। वह कहता है कि इसके लिये राज्य की संविधान सभा की मान्यता चाहिये। किन्तु अब राज्य की संविधान सभा ही अस्तित्व में नहीं है। जो व्यवस्था अस्तित्व में नहीं है वह कारगर कैसे हो सकती है?

जवाहरलाल नेहरू द्वारा जम्मू-कश्मीर के एक नेता पं॰ प्रेमनाथ बजाज को 21 अगस्त 1962 में लिखे हुये पत्र से यह स्पष्ट होता है कि उनकी कल्पना में भी यही था कि कभी न कभी धारा 370 समाप्त होगी। पं॰ नेहरू ने अपने पत्र में लिखा है-

‘‘वास्तविकता तो यह है कि संविधान का यह अनुच्छेद, जो जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा दिलाने के लिये कारणीभूत बताया जाता है, उसके होते हुये भी कई अन्य बातें की गयी हैं और जो कुछ और किया जाना है, वह भी किया जायेगा। मुख्य सवाल तो भावना का है, उसमें दूसरी और कोई बात नहीं है। कभी-कभी भावना ही बडी महत्त्वपूर्ण सिद्ध होती है।’’

अब इसे पढने के बाद सभी भारतीय एवं विदेशी भी समझ गए होंगे की धारा 370 को हटाना कितना जरूरी है, देश की एकता और अखंडता के लिए. और इसी के आड़ में जम्मू कश्मीर को अलगाववादीओ और उग्रवादीओ ने 'कश्मीर की शांति' को कुचल दिया है. 

अगर पंडित नेहरू ने उसी समय दूरदर्शिता दिखाई होती तो शायद आज देश में काश्मीर का ये हाल नहीं होता, और कश्मीर के लोग पहले हिंदुस्तानी मानते और कश्मीरी बाद मे. काश्मीर में  स्वर्ग है, लेकिन वहां के हालत ने उसे नरक बना दिया है. इन अलगाववादीओ के कारण पुरे कश्मीर में  बेरोजगारी और भुखमरी फैली हुई है. पर्यटक वहां का मुख्य रोजगार है, लेकिन इन पाकिस्तानी एजेंट अलगाववादीओ के कारण, जो स्थिति है, की कोई वहां जाना नहीं चाहता। इसी के कारण वहां के लोग पिछड़े हुए है. इसका सवसे बड़ा कारण धारा 370 ही है. इस धारा के कारण वहां के नेता तो मस्त है, लेकिन जनता बदहाल है. 


धारा 370 के  कारण ही काश्मीर देश से कटा हुआ है, और अशांत है. इसे पूरी तरह से हटाकर ही देश को एकता में बांधा जा सकता है. 

जय हिन्द, अखंड भारत। …
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(ज्ञानकोश विकिपीडिया से )

In English:

(A special paragraph of Article 370 of the Constitution (Article) by which the entire state of Jammu and Kashmir in India compared to other states or exclusive rights (in particular rating) is obtained. Since the country since independence in the current Indian politics has been very controversial. Many nationalist party, the Bharatiya Janata Party and the insurgency in Jammu and Kashmir to spread blame and are demanding to eliminate it. Indian constitution temporary, transitional and special provisions regarding Article 370 of Part 21 of Jawaharlal Nehru's special intervention was designed. For independent India Kashmir problem still remains an issue.
Special right:
According to the provisions of Article 370, the Parliament of Kashmir defense, foreign affairs and communications concerning any other matter relating to the right to legislate, but to enforce the law must approve of the government at the center.
Due to the special rank Article 356 of the Constitution of Jammu and Kashmir is not applicable.
This President has the right to cancel the state's constitution.
Urban Land Act of 1976 does not apply to Jammu and Kashmir.
The Indians received exclusive rights to the states the right to buy land anywhere in India. People from other states of India, Jammu and Kashmir, the land can not buy.
Under Article 360 ​​of the Constitution provided for in the country's financial emergency, he also does not apply to Jammu and Kashmir.
Jammu and Kashmir's accession to India was a great need for much of the work to carry out certain rights under Article 370 of the people of Kashmir were given at that time. These rights are given in the lower section.
The list of special rights:
1. The citizens of Jammu and Kashmir have dual citizenship.

2. The national flag of Jammu and Kashmir is different.

3. Jammu - Kashmir Assembly term is six years, the term of the legislatures of the states of India is 5 years.

4. In Jammu and Kashmir, India is not a crime to insult the national or national symbols.

5. The order of the Supreme Court of India in Jammu and Kashmir are not valid.

6. In respect of Jammu and Kashmir, India's Parliament can legislate in the area is very limited.

7. Jammu and Kashmir state of India with a woman get married to a woman's citizenship that will expire. Conversely, if he want to marry someone from Pakistan, he will get citizenship of Jammu and Kashmir.

8. Section 370 does not apply because of the Kashmir RTI, RTE is not applicable, CAG is not applicable. In short, there is no law of India does not apply.

9. Women in Kashmir Sharia law is applied.

10. Panchayat rights in Kashmir.

11. There is only Rs 2,500 peon in Kashmir.

12. K minorities [Hindu-Sikh] to get 16% reservation.

13. Section 370 of the land can not buy people out of Kashmir.

14. Section 370 of the Pakistanis living in Kashmir also gives Indian citizenship.

Article 370 in relation to some specific things:
1) Section 370 is part of the Constitution of India.

2.) It is included in the section 21 of the Constitution is titled - "temporary, transient and special provisions' (Temporary, Transitional and Special Provisions).

3) are the words of the title of Article 370 - J & K with respect to the temporary provision ("Temporary provisions with respect to the State of Jammu and Kashmir").

4) The provisions under Section 370 of them from time to time change has occurred commence in 1954. This is the significance of 1954 in 1953, the then prime minister of Kashmir Mhammd e-Azam Sheikh Abdullah, who was a close confidant of Jawaharlal Nehru, was arrested and imprisoned. These amendments have been passed by the Assembly of Jammu and Kashmir.

There are revised provisions: -

(A) 1954 taxing, central Abkari, civil aviation and Daktar departments were laws and regulations applicable to Jammu and Kashmir.
(B) 1958 and the income from the central service IAS officers placements PS became the state. Simultaneously CAG (CAG) has the right to apply to the state.
(C) 1959 Census of India Act was extended to Jammu and Kashmir.
(D) 1960 Supreme Court appeals against the decisions of the Jammu and Kashmir High Court began to accept, it was authorized.
(E) 1964 and 357 in Article 356 of the Constitution has been applied to the state. According to the Articles of the Constitution of Jammu and Kashmir to the right of disrupted received the President's rule.
(F) 1965 labor welfare, labor organization, social security and social insurance-related applied to the central state.
(G) 1966 elected by direct vote in Parliament has the right to send a representative.
(H) 1966 Assembly of Jammu and Kashmir in the necessary improvements in its constitution - 'prime' instead of 'Chief' and 'Sadar-e-state of' 'Governor' names that these designations approved approved to use. 'Sadar-i-Riyasat' was elected by the Assembly, now became governor appointed by the President.
(I) 1968 elections in Jammu and Kashmir High Court to the Supreme Court has the authority to hear appeals on matters.
(J) 1971 under Article 226 of the Indian Constitution, the right to specific types of cases, the High Court was hearing.
(K) 1986 the provision of article 249 of the Constitution applied to Jammu and Kashmir.
(L) of this section is stated in the law of the entire end. Sub-paragraph 3 of Article 370 states that 'nothing in the preceding provisions are written, it can be declared by the President to reveal information that should be left to the stream a few exceptions or modifications can then be terminated.
A proviso to this section (Proviso) too. He recognized the need for this state of the Constituent Assembly. But now it does not exist in the state assembly. The system does not exist, how can it work?

A leader of the Jammu and Kashmir Pandit Jawaharlal Nehru. Prem Bajaj other letters written in 1962 by August 21 it is clear that his imagination was that sometime in the Section 370 will expire. Pt. Nehru is written in his letter

'' The reality is that this article of the Constitution, to give special status to Jammu and Kashmir Karnibhut are told, there are many other things that have been and what has to be done, it will also be . The main question is the spirit, the other does not matter. Sometimes the feeling is great proves important. ''

If Nehru had shown foresight in the same time so maybe in the country of Kashmir is not the latest, and the people of Kashmir and Kashmiri first Indian treats later. Kashmir is heaven, but the condition has made him hell. These *Algavwadio the entire Kashmir extends unemployment and starvation. Tourists there is a major job, but because of these Pakistani agents Algavwadio, which is the case, do not go any where. This is because the people backward. Article 370 is due to the current situation. The leader of the stream because there is so cool but impoverished masses.


Now after reading Section 370 of the Indian and overseas will also delete understand the importance, for the country's unity and integrity. And in the name of J & K and terrorist Algavwadio the Kashmir peace 'is crushed. Section 370 K due to the country, sliced, and turbulent. The complete removal can be tied to the country's unity.

Jai Hind, united India. ...
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*Algavwadio - who want separate state like terrorist. 


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