Wednesday, April 1, 2015

जीत जाएंगे हम.. अगर उत्साह संग हो .... ..(With the enthusiasm that we will win .. ....)


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जॉब ढूंढने वालों के लिए मन के मुताबिक जॉब ढूंढना एक बड़ी चुनौती होती है। अगर इन्हें अधिक दिनों तक संघर्ष करना पड़े तो अक्सर ये हतोत्साहित हो जाते हैं और डिप्रेशन के शिकार भी होते हैं। दरअसल, ऐसी परिस्थितियां इसलिए बनती हैं, क्योंकि इनके ऊपर नकारात्मक सोच हावी होने लगती है। कोशिश होनी चाहिए इससे बाहर निकलने की ।
सबसे प्रथम और अहम यह है कि मंजिल के अलावा किसी भी अन्य चीज से संतोष न करें। दूसरे शब्दों में कहें तो, यदि, अगर, मगर आदि शब्दों को अपने शब्दकोष से सदा के लिए निकाल दें। हमेशा उच्च आकांक्षा रखें। 

सीख सकते हैं उदाहरण से :

विफलता में ऐसे लोगों को याद करें, जिन्होंने अपने विपरीत समय में सफलता पाई है। मसलन, महात्मा गांधी, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, स्वामी विवेकानंद आदि। इनकी तस्वीरों को कमरे की दीवारों पर लगाएं और इनकी जीवनियों को पढ़ें। इससे हमेशा प्रेरणा मिलती है। इनके द्वारा कही गई बातों को याद करें। ये हिम्मत टूटने नहीं देती। ऐसे कई उदाहरण सिविल सेवा, बैंक पीओ, रेलवे, एसएससी, मैनेजमेंट आदि परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के मिल जाते हैं, जिन्होंने अपने अंतिम मौके को सफलता में बदल लिया। इन सभी बातों से काफी कुछ सीखा जा सकता है और आप भी सफल हो सकते हैं।

अनर्गल बातों पर ध्यान न दें :

अक्सर ऐसा होतेा है कि दूसरे लोग आपको हतोत्साहित करेंगे। हकीकत यह है कि उनकी सोच नकारात्मक हो चुकी होती है। यही वजह रहती है कि वे दूसरों का भला देखना नहीं चाहते। ऐसे लोगों की बातों में जो आपके प्रति निंदा कही गई हो, उस पर जरूर ध्यान दें। दरअसल, इससे आपके काम करने के तरीके में सुधार आएगा। साथ ही अपनी कमियों के बारे में भी पता चलेगा।

छोटी-छोटी खुशियों को न करें जाया: 

जिंदगी में बड़ी खुशियों के पल कम ही आते हैं। अगर हम खुश होने के लिए इन गिने-चुने पल का इंतजार करेंगे, तो दस साल में एक बार भी खुश न हों। घर में खुशियों का आलम हमेशा बनी रहे, इसके लिए यह जरूरी है कि हर खुशी को पूरी तरह भुना लें। मसलन, परिवार के किसी दूसरे सदस्य को अगल सफलता मिली हो या फिर किसी जानने वाले को तो उसमें भी खुश होने की कोशिश करें।
उत्साह मानसिक जीवटता से पैदा होती है। विपरीत से विपरीत परिस्थिति में भी जो लोग हारना नहीं जानते हैं, वे ही महान बनते हैं। जिनकी मिसाल हमारे सामने आती रहती हैं।

क्यों होते हैं हतोत्साहित?

जिंदगी में सबकुछ आसानी से नहीं मिलता। विशेषकर छात्रों के लिए जॉब पाना एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने रहता है। इन्हें अगर अधिक दिनों तक संघर्ष करना पड़े तो अक्सर ये हतोत्साहित हो जाते हैं और डिप्रेशन के शिकार भी होते हैं। यह स्थिति अच्छी नहीं होती। दरअसल, ऐसी परिस्थितियां इसलिए बनती हैं, क्योंकि छात्रों के ऊपर नकारात्मक सोच हावी होने लगता है। पर यह भी सच्चाई है कि इसकी भूमिका हम खुद ही तैयार करते हैं। जब हम लगातार विफल होते हैं, तो उसका निदान खोजने और खुद की कमी को दूर करने की बजाय, अपने भाग्य को कोसना अच्छा समझते हैं। हम उन छात्रों के बारे में भी नहीं जानना चाहते, जो अपनी मेहनत के दम पर सफल हुए हैं, बल्कि हम यह दिखाते हैं कि हम तो कई दूसरों से अधिक जानते हैं, फिर भी ऊपर वाले की करम हम पर नहीं हो रही है। 

बने रहें उत्साही:

जीत के इस न दिखने वाले तीर को हमेशा ही अपने तरकश में रखने के लिए किसी विशेष प्रयास की जरूरत नहीं है। थोड़ा सा धैर्य, जिंदगी के स्टाइल में कुछ बदलाव से इसे बरकरार रख सकते है. और अंत में जीत आपकी होती है. जो सफलता आपको संघर्ष से मिलती है, यकीन मानिये उससे बड़ी ख़ुशी और आनंद हो नहीं सकती.

जय गुरुजी.  

In English:

(Agreed to find jobs for those who find jobs is a major challenge. Longer if they have to struggle so often become discouraged and are victims of depression. Indeed, the circumstances are made, as they seem to dominate the negative thinking. Should try to get out of it.
The first and important addition to the floor, do not be content with anything else. In other words, if, if, if, however etc. forever remove words from your vocabulary. Always keep high aspiration.

Can learn from the example:

Failure to remember those who have succeeded in their opposite. For instance, Mahatma Gandhi, Chandrashekhar Azad, Netaji Subhash Chandra Bose, Swami Vivekananda on. Find pictures on the walls of his room and read their biographies. It is always inspiring. Remember what was said by them. They dare not break. There are many examples of civil service, Bank PO, Railways, SSC, management etc. are offered to students preparing for the exam, who changed his last chance at success. All these things can be learned and you can be successful.

Ignore preposterous things:

Hotea so that other people will often discourage you. The reality is that they would have been negative thinking. That is why they do not want others to see the good. Such a condemnation of those things you have said, it should take into account. Indeed, it will improve the way you work. Know well about its shortcomings.

Do not go to the small joys:

At the moment of greatest joys in life come. If we wait to be happy these few moments, so do not be too happy once in ten years. State of happiness are always at home, it is important to ensure that every pleasure fully redeemed. For instance, another family member or someone who knows the next success so try to be happy in it.
The spirit is born of mental excitement. In contrast to the situation of those who do not lose the contrary, they become great. Ple who are coming to us.

Why discourage?

Everything in life is not easy. Especially for students to get jobs is a major challenge in front. They have to struggle more days then often become discouraged and are victims of depression. This situation is not good. Indeed, the circumstances are made up of the students seem to dominate the negative thinking. It is a fact that we have a role to prepare yourself. When we fail constantly, to overcome his lack of diagnosis instead of finding himself, cursing his luck understand better. We do not even want to know about those students who are successful in their own work, but we show that we are more aware than many others, but we are not the ones above Karam.

Be enthusiastic:

The victory nor the arrow that appears to always keep your quiver does not need any special effort. A little patience, some changes in life style is to keep it intact. And is finally won. The success comes from the conflict, believe me great happiness and joy that can not be.)

Jai Guruji

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