बच्चे बहुत नाज़ुक मन के होते हैं, बिलकुल गीली मिट्टी जैसे। उनके व्यक्तित्व को जैसा चाहें वैसा आकार दिया जा सकता है। बच्चों को ऐसी सीख और ऐसी परवरिश दें कि वे झूठ बोलें ही न।
बच्चों के आपसे या औरों से झूठ बोलने के कई कारण हो सकते हैं। जब वे बड़े होने लगते हैं, स्कूल जाने लगते हैं तब वे अपने परिवार के सुरक्षित वातावरण से बाहर हो जाते हैं और ज्यादातर समय अपने दोस्तों के साथ बिताते हैं।
इससे होता यह है कि बच्चा अलग-अलग प्रकार के बच्चों के संपर्क में आता है जिससे उसके व्यवहार में कई परिवर्तन आते हैं, वो कुछ अच्छी चीज़े सीखता है तो कुछ बुरी भी। झूठ बोलना उसी में से एक है।
अक्सर बच्चे सज़ा के डर से झूठ बोलते हैं। इसके लिए ज़रूरी है कि बच्चों को बचपन से ही अपने विचार और अपने मन की बात कहने की स्वतंत्रता मिले। अगर बच्चे कुछ गलत चीज़ या बहुत महंगी चीज़ की मांग करते हैं तो उन्हें आपके मना करने का उचित कारण बताएं कि आपने ऐसा क्यों किया। बच्चे को कनविंस करें और आगे से वह आपकी बात मानने लगेगा।
3 से 7 साल की उम्र के बच्चे थोड़ा ज्यादा झूठ बोलते हैं क्योंकि इस उम्र में वे सच और झूठ के बीच अंतर नहीं कर पाते हैं। वे अपनी कल्पनाओं को शब्दों में पिरोकर और उसे दूसरों को बताकर सच का रूप दे देते हैं।
इसका मतलब यह नहीं है कि आपका बच्चा झूठ बोलने लग गया है। इसके लिए आपको उसका वास्तविकता से परिचय कराना होगा। उसकी मानने लायक इच्छाओं को पूरा करें और जो नही हो सकतीं उसके लिए उसकी समझ पैदा करवाएं।
माता-पिता और शिक्षकों को अपने बरताव में पारदर्शिता यानी कि ट्रांसपरेंसी रखनी ज़रूरी है। अगर आप अपने बच्चे से कोई प्रॉमिस करते हैं तो उसे ज़रूर निभाएं। उनको ये एहसास दिलाएं कि आप उन पर विश्वास करते हैं तो वे कोई गलत काम नही करेंगे और अगर कोई गलती करेंगे भी तो आपको बताने में डरेंगे नहीं।
वे हर काम करने से पहले आपकी अनुमति लेंगे और हमेशा सच बोलेंगे क्योंकि वे आपसे डरते नहीं हैं बल्कि आप पर विश्वास करते हैं और जानते हैं कि आप सब ठीक कर देंगे। बच्चे के पहले आदर्श उसके माता-पिता होते हैं।
अगर वे खुद ही अक्सर झूठ बोलते हैं तो वे कैसे अपने बच्चे से सच बोलने ही उम्मीद कर सकते हैं। आप उनके रोल मॉडल हैं, यह बात आपको कभी नहीं भूलना चाहिए। ये सही है कि कभी-कभी ऐसी सिचुएशन आ जाती है जब हमें झूठ बोलना पड़ जाता है, तब अपने बच्चे को बताएं कि आपने ऐसा क्यों किया। इससे बच्चा एक निश्चित व्यवहार करना सीखता है।
बच्चे की ईमानदारी और सच्चाई पर उसे शाबाशी दें, इससे उसे प्रोत्साहन मिलेगा। माता-पिता को करना केवल इतना है कि अपने पैरेंटिंग के तरीकों समयानुसार बदलने की ज़रूरत है। अब पुराना समय नहीं है कि बच्चे एक बार में बात सुन लिया करते हैं। अब उन्हें गुमराह करने के लिए बहुत-सी चीज़ें है, इसलिए माता-पिता बच्चों को डांटे और पिटाई ना करें बल्कि प्यार से उन्हें सब सिखाएं। बच्चे के प्रथम पाठशाला परिवार होता है, और माँ-बाप उनके शिक्षक। इसलिए बच्चो को अनावश्यक दबाब नहीं बनाये, प्यार से समझाए।
जय गुरुजी.
In English:
(Children are very delicate mind, just like mud. His personality can be shaped any way you want. Children learn such that they lie and say that not raising.
Children lie to you or others may have many causes. When they start to grow up, go to school and they seem to go out of the safe environment of their family and spend most of the time with my friends.
This is the child that comes into contact with children of different types, which are many changes in her behavior, she learns some good things and some bad. Lying is the same.
Children are often lie fear of punishment. It is important that children from childhood freedom to speak your mind and get your thoughts. If the child asks for something wrong thing or too expensive thing they tell you why did you do this right to refuse. Communication baby move and he will listen to you.
3 to 7 year old children at this age because they lie a little difference between the truth and do not lie. They suspended their ideas into words and give it to others as a form of truth.
This does not mean that your child has to take lie. It will introduce you to the reality. His followers to be able to fulfill the wishes and who can not teach him his understanding.
Parents and teachers are required to keep their behavior Transparency means that the transparency. If you let your child must play a promise. Remind them that you trust them when they realize they will not do anything wrong and do no wrong, even if you are not afraid to tell you.
They will ask your permission before every job and always speak the truth because they are not afraid of you, but do you believe and know that you will do all right. Parents of the child are the norm.
If they lie to themselves, they often expect their children can speak the truth. You are their role models, you should never forget it. It is true that sometimes there is a situation when we are lying, then why did you tell your child. The child learns to behave in a certain.
Child to praise him on honesty and truth, it will encourage him. Parents have only so much time needs to change his ways Parenting. Now the old time to listen to the child at a time. So many things to mislead them, so parents do not have children, but love beating Dante and teach them all. Child's first school, family, and the parents of their teachers. Because children do not make unnecessary pressure, explain love.)
Jai Guruji.
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