अधिकतर लोगों की सेहत नौकरी से रिटायर होने के बाद तेजी से खराब होने लगती है। वे महसूस करने लगते हैं कि उनकी सक्रिय-कार्यशील जिंदगी पूरी हो चुकी है। वे स्वयं को दूसरों से अलग-थलग कर लेते हैं। उन्हें लगने लगता है कि लोगों के साथ-साथ परिवारवालों ने भी उनकी उपेक्षा करनी शुरू कर दी है। इससे रिटायर व्यक्ति अपने बारे में थके हुए बीमार व्यक्ति की छवि बना लेते हैं। यह नकारात्मकता उनके तन-मन दोनों को खा जाती है। लोग नौकरी से रिटायर होने की वजह से नहीं, बल्कि जीवन से रिटायर होने के कारण मरते हैं। अधिकतर लोगों को यह लगता है कि साठ साल के बाद उनका जीवन केवल भक्ति व पूजा-पाठ तक सीमित रह जाता है। जबकि ऐसा नहीं है। गीता में भी कर्म की भावना पर बल दिया गया है। कर्म ही पूजा व भक्ति है। ऐसे में व्यक्ति अध्यात्म के साथ कर्म करता रहे, तो उम्र उस पर हावी नहीं होती और वह अपने जीवन को आनंदपूर्वक बिताता है। ईश्वर की आराधना स्वयं ही हो जाती है, जब व्यक्ति किसी जरूरतमंद की मदद करता है। नौकरी या व्यापार से रिटायर होने के बाद व्यक्ति नि:स्वार्थ मदद करके अपने जीवन को आध्यात्मिक और मानसिक रूप से सफल बना सकता है। इस दौरान व्यक्ति अपने सीखने की लालसा को भी जीवित रखे, तो वह अंतिम समय तक स्वस्थ भी रहता है। अनेक शोधकर्ताओं ने इस बात को साबित कर दिया है कि सीखने की योग्यता 70 की आयु में भी उतनी ही अच्छी होती है, जितनी कि 17 साल की आयु में। यदि व्यक्ति सृजन करता रहे तो उसे अपनी बढ़ती आयु का पता ही न चले। यही कारण है कि सृजनात्मक कार्य करने वाले वैज्ञानिक, आविष्कारक, पेंटर, लेखक और दार्शनिक आदि गैर-सृजनात्मक कार्य करने वालों से ज्यादा लंबे समय तक कार्यशील बने रहते हैं। थॉमस अल्वा एडीसन 90 की उम्र में भी सक्रिय रहकर विभिन्न आविष्कार करने में लगे हुए थे। माइकल एंजेलो ने 80 की उम्र पार करने के बाद भी अपनी कुछ सर्वश्रेष्ठ पेटिंग बनाई थीं। पिकासो 75 की उम्र के बाद भी कला संसार में अपनी धाक जमाए हुए थे और जार्ज बर्नार्ड शॉ 90 साल की उम्र होने पर भी नाटक लिखने में लगे हुए थे।
जय गुरुजी.
In English:
(Most people's health deteriorated rapidly after retiring from the job starts. They seem to feel that their active working life is over. When they isolated themselves from others. They feel that their family members as well as people have started to ignore. The retired person weary about taking sick person creating the image. The negativity that is eaten both their body-mind. People due to retire from the job, but die due to retire from life. Most people think that after sixty years of his life was limited only to the devotion and worship. While it is not. Gita has also emphasized the spirit of karma. Worship and devotion. Does the person who works with spirituality, so age does not dominate it, and he spends his life happily. Worship of God is itself when one person helps the needy. After retiring from a job or business person selflessly to help make their lives spiritually and mentally to be successful. The desire to preserve their individual learning, it is also healthy for the last time. Many researchers have proved that the learning ability is as good at the age of 70, as the 17-year-old. If a person creates not be aware of his growing age. That creative working scientist, inventor, painter, writer and philosopher etc. much longer than non-creative workers remain functional. Thomas Edison has been active at the age of 90 engaged in various inventions. Michelangelo reached the age of 80 after the painting had made some best. Picasso after 75 big in the art world was frozen and George Bernard Shaw play at 90 years old, were engaged in writing.)
Jai Guruji
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