नकारात्मक विचार हमारे मन के अंदर की ही भावनाएं हैं, जो हमें एवं दूसरों को नुकसान पहुंचाती हैं। मस्तिष्क में भय मनुष्य को बहुत छोटा बना देता है एवं वह स्वयं को असुरक्षित महसूस करता है। नकारात्मक विचार स्वयं एवं दूसरों को नुकसान पहुंचाने की गतिविधियों से प्रारंभ होते हैं।
हमारे मष्तिष्क में विचार मुख्यत: 3 भागों से आते हैं : -
१. अपने एवं दूसरों के कर्मों के विचार, २. स्वत: की इच्छा के विचार, ३. स्वयं को असुरक्षित समझने के विचार। नकारात्मक विचारों का मुख्य कारण हमारी मानसिक स्थिति होती है। हम अक्सर स्थितियों के प्रति धारणा बनाकर अपने विचार उत्पन्न करते हैं। ऐसे विचार हमेशा हमारे विरुद्ध जाते हैं।
किसी एक घटना, व्यक्ति या स्थिति को आधार मानकर हम उसी आधार पर पूर्वाग्रह बना लेते हैं। ऐसे विचारों के साथ 'हमेशा मेरे साथ ही क्यों होता है?' 'मैं कभी सही काम नहीं करता', 'मैं हमेशा अकेला रहूंगा' इस प्रकार के वाक्य जुड़े रहते हैं। नकारात्मक विचार और भाव दिमाग को खास निर्णय लेने के लिए उकसाते हैं। ये विचार मन पर कब्जा करके दूसरे विचारों को आने से रोक देते हैं। हम केवल खुद को बचाने पर फोकस होकर फैसला लेने लगते हैं।
नकारात्मक विचार के हावी होने के कारण हम संकट के समय जान नहीं पाते कि स्थितियां उतनी बुरी नहीं हैं जितनी दिख रही हैं। संकट को पहचानने या उससे बचने के लिए नकारात्मक विचार जरूरी होते हैं, जो कि हमारे जैविक विकास क्रम का ही हिस्सा हैं।
४. बातें हमारे शरीर और हमारे जीवन में नकारात्मक विचार उत्पन्न करती हैं। ये भावनाएं दूसरों पर दोषारोपण करने और अपने अनुभवों के लिए स्वयं को जिम्मेदार न ठहराने से आती हैं।
यदि हम सभी अपने जीवन में हर बात के लिए जिम्मेदार हैं तो हम किसी पर दोषारोपण नहीं कर सकते। बाहर जो भी घट रहा है, वह केवल हमारे आंतरिक विचारों का एक आईना है। हमारे विश्वास ही लोगों को हमसे किसी प्रकार का व्यवहार करने के लिए आमंत्रित करते हैं।
यदि आप खुद को यह कहता पाएं, 'हर कोई मेरे साथ ऐसा करता है, मेरी आलोचना करता है, कभी मेरी मदद नहीं करता, मुझे पायदान की तरह इस्तेमाल करता है, मेरे साथ दुर्व्यवहार करता है,' तो यह आपकी प्रवृत्ति है। आपके अंदर ऐसे विचार हैं, जो ऐसा व्यवहार प्रदर्शित करने के लिए लोगों को आकर्षित करते हैं।
In English:
(Inside our minds of negative thoughts are the same emotions that harm us and others. Fear in the brain makes very small man and he feels insecure. Negative thoughts and self-harm from the activities of others start.
Our idea in the brain and mainly come from 3 parts: -
One. Your thoughts and actions of others, 2. Automatic considering the wishes of, 3. Understand themselves consider unsafe. Negative thoughts are the primary cause of our mental state. We often generate their idea by creating the perception of situations. Such thoughts are always against us.
An event, person, or situation, assuming we are able to make on the basis of prejudice. With thoughts like, "Why is always with me? ' 'Never does the right thing,' 'I am always alone, "things like stay connected. Negative thoughts and expressions to mind certain decisions provoke it. These thoughts come to mind by capturing ideas from other stops. We only decided to protect themselves and begin to focus on.
Negative thoughts to dominate the troubled times we do not know that things are not as bad as it would seem. Identify crisis or are necessary to avoid negative thoughts, which are part of our biological evolution.
Iv. Things that cause negative thoughts in our bodies and our lives. These feelings and experiences for others to blame or hold responsible themselves come from.
If we are responsible for everything in your life, then we can not blame anyone. Whatever is happening outside, it is only a mirror of our inner thoughts. We believe people invite us to some sort of behavior.
If you find yourself saying, "Everyone does this to me, that my criticism, but does not help me, I used to like that place, that abused me, 'then it is your instincts. Inside you are the ideas, which exhibit this behavior in order to attract people.)
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