Thursday, June 23, 2016

दीपक हमें अपने कर्तव्य का पालन करने की शिक्षा देता है ..(We dutifully lamp Teaches to follow ..)


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एक बार आदिशंकराचार्य से एक शिष्य ने प्रश्न किया- संसार में विजयी कौन है? आचार्य ने कहा- इसका एक ही उत्तर है। वह मन ही है जिसके द्वारा यह जगत जीता जा सकता है।

सर्कस का कमजोर-सा दिखने वाला रिंग मास्टर अनेक हाथियों और सिंहों से करतब कराता है। एक तरह से उन पर शासन करता है। उसे देखकर लगता है कि वह सचमुच बलवान है। लेकिन वही जब अकेले में होता है, तब उसे बड़ी पीड़ा होती है कि सर्कस के मैदान में तो हाथियों को वश में रखता हूं, सिंह पर शासन करता हूं, किंतु व्यक्तिगत जीवन में मन की किसी धारा के साथ बह जाता हूं। मन मुझे पराजित कर देता है।

हम बहुत बड़े विजेता हो सकते हैं, पर अपने मन के सामने अवश हैं। इसीलिए उपनिषदों में विजयी उसे माना गया है जो आत्मविजय कर ले। आपने देखा होगा कि किसी बड़े सम्मेलन, यज्ञ या आयोजन में दीप जलाया जाता है। आयोजकों को यह चिंता रहती है कि दीप न बुझे और उसका प्रकाश भी बाहर जाता रहे। 

इसी प्रकार अंतस के प्रज्वलित दीप को भी यदि विषय-बयार के झोंकों से बचा लिया जाए तो माया के अंधकार में हमें भी सदा रोशनी मिलती रहेगी। सच्चे साधु व संत अपने वचनों और आशीर्वाद से हमें वही कवच प्रदान करते हैं। इस संसार में पग-पग पर छल और बल से उस दीप को बुझाने का प्रयत्न होता है। यदि चेतना और विवेक का वह दीप बुझ गया तो हम अंधकार में भटक जाएंगे। माया-मोह से सांसारिक जाल के सामने पराजित हो जाते हैं। मनुष्य में यह क्षमता है कि वह अपने दीप को बुझने से बचाने का भरसक प्रयत्न करता है। यमराज के द्वार पर नचिकेता बनकर प्रश्न करने का यही अर्थ है। यदि विवेक दीप जल रहा हो तो इंसान नचिकेता-भाव से यमराज से भी अपने प्रश्नों का उत्तर पा सकता है।

पूजा में दीपक का प्रयोग अकारण शुरू नहीं हुआ। नन्हा दीपक सबसे बड़ा गुरु है। वह हम सबको सिखाता है- देखो, मैं माटी का ही दीप हूं। जिसे तुम सबसे तुच्छ समझते हो। तुम भी माटी के ही दीप हो। इसलिए प्रकाशित होकर धरती पर रहना। हम सब मिट्टी के बने हैं। मिट्टी से बने पदार्थों की उम्र कम होती है। क्या पता, किस घड़ी यह जीवन समाप्त हो जाए। इसलिए जब तक जीवन है, सदा जलना है और रोशनी फैलाना है।

मिट्टी का दीप बताता है- मैं बहुत छोटा हूं। तुम कुछ बड़े हो मुझसे। लेकिन मैं केवल इसीलिए जलता हूं कि मेरा छोटा-सा प्रकाश किसी को राह दिखा सके, प्रेरणा दे सके। इतना हो जाए तो मेरा जलना सार्थक हो जाए। दीपक हमें अपने कर्तव्य का पालन करने की शिक्षा देता है। उससे हमें अविरल संघर्ष की प्रेरणा मिलती है।
जय गुरूजी. 
 In English:

(Question Adishankrachary done once a pupil who is victorious in the world? Acharya said it is the only answer. The mind by which the world can be won.

The fragile-looking circus ring master has several elephants and lions feat. In a way those rules. It seems that she is really strong. But what happens when alone, he feels much pain that lay tame elephants in the circus arena, the government said today, but in the personal life of the mind, and go away with a stream. Makes me feel defeated.

We are the big winners, are on the front of your mind Avs. Therefore, it is envisaged that in the Upanishads Atmvijay take victorious. You may have noticed that a large conference, or in the event the lamp is lit sacrifice. The organizers are concerned that not blow out the lamp and the light goes out there.

Similarly, even if the inner lamp ignited winds blowing of the subject to be saved from the darkness of delusion will continue to give us light for ever. The words of sages and saints of true blessings and offer the same armor. Deceit and force to step on to the world that is able to extinguish the lamp. The consciousness and conscience of the lamp was extinguished, we will go astray in the darkness. Maya-fascination in front of the worldly traps are lost. In Man's ability that he makes every effort to protect the lamp extinguished. Yama Nachiketa at the entrance to the question is the meaning of being. If the lamp is burning conscience of the human spirit Yama Nachiketa can also find answers to your questions.

Using lamps in worship not started unreasonable. Tiny lamp is the largest master. He teaches all of us-the look, I am deep of soil. You understand that the trivial. You also get the lamp of clay. Therefore published live on the earth. We are all made of mud. Materials made from clay are less age. You know what hour it is over life. So while there is life, always kindling and light is diffuse.

Deep soil tells is- I'm too small. You me some grown. But just because I'm jealous that my little light to show the way to anyone, could inspire. If I may be so meaningful kindling. The lamp is our duty to follow the teaching. Inspires us to incessant conflict.)
Jai Guruji.

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