Wednesday, April 27, 2016

क्षमता पर भरोसा ..(The ability to rely on ..)


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जिंदगी की वास्तविक समझ अनुभव से पैदा होती है। हम अपनी क्षमताओं का समुचित आकलन कर सकते हैं। अनुभव किए बगैर न तो हम अपनी जिंदगी जी सकते है और न ही अपने अंदर समाई दिव्य क्षमताओं का परिचय पा सकते हैं। इस सबको जानने, समझने और सही नियोजन करने के लिए हमें उसी रूप में उन्हें महसूस करना चाहिए। हम आखिर हैं कौन और हमारे अंदर क्या है, जो बाहर फूटकर आना चाहता है? वे हमारी वास्तविक क्षमताएं होती हैं। क्षमताएं अंदर सुप्त रूप में पड़ी रहती हैं। इन्हे तभी जगाया और जगाकर निर्दिष्ट कार्य में नियोजित किया जा सकता है, जब हम इन्हें गहराई से महसूस करेंगे। इन्हें हम जितना महसूस करेंगे, उनकी पहचान उतनी ही अधिक होगी। जीवन में असीम क्षमताएं समाई हुई हैं, परंतु ये सोई पड़ी हैं। ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है, जो इन दिव्य विभूतियों से वंचित होगा। सभी में ऐसी महान विभूतियां समाई हुई हैं कि उनके एक अंश उभरकर सामने आने पर मनुष्य कहां से कहां पहुंच सकता है। जीवन अनुभवों का जखीरा है। सिर्फ बातें बनाने वाला जिंदगी में कुछ भी सार्थक नहीं कर सकता है। वह कल्पना से जिंदगी को बड़ा सुखद मानता है, परंतु जीवन की राहें कंटीले कांटों से अटी पड़ी हैं और इन कांटों को भेदकर गुलाब का सुखद स्पर्श किया जा सकता है। एक ने जिंदगी के बारे में कल्पना की, तर्क किया, परंतु दूसरे ने उसका यथार्थ अनुभव किया और उसने अनुभव के लिए अपनी समस्त कुशलता को झोंक दिया।  क्षमता को सतत प्रक्रिया से उभारा जा सकता है। निरंतर प्रयास से क्षमता निखरती है, परंतु इससे ठीक विपरीत रुक जाने से यह छिप जाती है, ढक जाती है। क्षमताओं के आकलन से परिस्थितियों का आकलन हो जाता है। क्षमता की सही समझ और परिस्थितियों के सही नियोजन से विकास की ऐसी अविरल धारा फूट पड़ती है, जिसे हम ‘प्रतिभा’ कहते हैं। प्रतिभा कुछ नहीं है, बल्कि हमारी क्षमताओं और परिस्थितियों के बीच सामंजस्य स्थापित कर श्रेष्ठ और नया करने के लिए सतत अवसर तलाशने और कर गुजरने के हौसले का नाम है। हम अपनी क्षमताओं को जितना अनुभव करेंगे, हमारी प्रतिभा उतनी ही विकसित होगी।
जय गुरूजी. 

In English:

(Real understanding of life arises from experience. We can assess your abilities properly. Neither of us can live his life without the experience nor the divine abilities from their capacitance can find inside. Knowing all this, we need to understand and correct planning should feel the same as them. After all, who are we and what is inside us, who wants to come out loudly? They are our true capabilities. As lying dormant in potential lives. Then aroused and instilling in them specific tasks can be employed when we feel them deeply. They will feel that we get, the greater the identification. Encompasses limitless potential in life, but they are asleep. Anyone who is not to be deprived of these divine personalities. Encompasses all such legends emerging on their part where the man where can access. Cache of life's experiences. The only things you can not do anything worthwhile in life blower. He considers very happy to imagine life, ways of life, but are littered with barbed hooks and can be pleasant touch of rose thorns penetrate. About the life of the imagination, be argued, but others experience his actual experiences and he cast their overall efficiency. Continuous process efficiency can be raised. Nikrti sustained effort capacity, but just the opposite to be stopped, it is obscured, is covered. Assessment is an assessment of the capabilities of the circumstances. Ability to develop a true understanding of the circumstances of the planning has to split a continuous stream, which we 'talent', says. Genius is nothing but the best in synergy between our abilities and circumstances and explore opportunities to innovate and undergo continuous freshly name. Our capabilities as we will experience the same will develop our talent.)
Jai Guruji.


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