सुख-सुविधाओं का आकर्षण छोड़ना आसान नहीं होता। यही वजह है कि सादगी का अभ्यास इतना सरल नहीं, जितना सुनायी पड़ता है। दुनियाभर में पर्यावरण, समाज, अर्थजगत और आध्यात्मिक तौर पर विकास करने के लिए सादगी पर जोर दिया जा रहा है। यहां जानते हैं सादगी से जुड़े हुए कुछ अनुभव, जिन्हें आप अपने-अपने स्तर पर समझ सकते हैं.
चुनिंदा सादगी :
सादगी का मतलब है जीवन में समझ-बूझकर और सहूलियत के अनुसार अपने मार्ग का चुनाव करना। जीवन को पूरी तरह से बिना टुकड़ों में बांटे जीना। अपने व्यक्तित्व का सबसे उम्दा पक्ष दुनिया के सामने रखना, जिससे वह आपकी ओर आकर्षित हो।
सहानुभूतिपूर्ण:
समाज के साथ अपने संबंधों को इतनी गहराई से जोड़ना कि समाज के और आपके हित एक से दिखें। यहां समाज से मतलब भावी पीढ़ियों से भी है और पशु जगत से भी। ऐसे लोगों के साथ से भी, जिनका सामाजिक स्तर आपसे कहीं नीचे है। यह तरीका संबंधों में सौहार्द व पारदर्शिता को बढ़ावा देता है।
आर्थिक सादगी:
यानी ऐसे खर्चों में कटौती करना, जिनके बिना भी हम जीवन सामान्य तरीके से जी सकें। जब सभी देशों के घरों, शहरों, ऑफिस व संसाधनों का संतुलित इस्तेमाल होगा तो आर्थिक जगत का संतुलित रूप सामने आएगा।
पर्यावरणीय आजादी:
इसका अर्थ है पृथ्वी पर अपने रहन-सहन की जरूरतों को सीमित करने का प्रयास करना, ताकि पर्यावरण पर जोर न पड़े। हम प्रकृति से गहरे से जुड़े हैं। इस ब्रह्मांड के साथ हमारा सीधा संबंध है। इसके लिए प्राणीमात्र को समझना जरूरी है।
स्वच्छ आजादी:
ऐसी सादगी ही सुंदरता का दूसरा रूप होती है, जिसमें रोजमर्रा के जीवन, आचार-व्यवहार और काम करने के तरीकों में साफ-सुथरे प्राकृतिक उत्पाद इस्तेमाल होते हैं। महात्मा गांधी का कथन याद रखें, ‘मेरा जीवन ही मेरा संदेश है।’
आत्मिक आजादी:
मेडिटेशन (ध्यान) के जरिए अपने भीतर झांकने की कला आपको बाहरी जगत के साथ भी उतनी ही गहराई से जोड़ती है, जितना अपने आप से। आत्मिक सादगी सतही सोच से हटाकर जीवन को व्यापक स्तर पर देखने की विवेकपूर्ण दृष्टि देती है।
पारिवारिक सादगी:
इससे मतलब है कि अपने बच्चों और परिवार को एक संतुलित जीवन देना पहला कर्तव्य है। उपभोक्तावाद की ओर आंखें मूंदकर न चल पड़ें।
सामाजिक:
चीजों के उपयोग में मितव्ययी बनें। साथ ही सोशल मीडिया और दूसरे संचार माध्यमों के जरिए दूर-दराज बैठे लोगों से विचारों को शेयर करें।
जय गुरुजी.
In English:
(The attraction is not easy to give up comfort. That is why the practice of simplicity is not so simple, as it has to hear. Worldwide environmental, social, and spiritual Arthjagt to the development being focused on simplicity. Even know some experience related to simplicity, you can understand their level.
Featured simplicity:
Means simplicity and convenience in life, according to consciously choose their path. Live life fully without hashed. Take the best side of your personality to the world, so that you're attracted to.
Sympathetic:
Adding depth to their relationship with society so that society and the look of your interest. The society has the means and the animal world from future generations. With such people, whose social status than you down. Promotes harmony and transparency in the way relationships.
Economic simplicity:
Ie to cut the expenses, without which we can live life in the normal way. Houses all countries, cities, offices and resources will be used to balance the economic balance of the world will come out.
Environmental freedom:
This means living on earth to try to limit the needs of the environment do not emphasize. We are connected to the deep nature. Our direct relationship with the universe. It is important to understand the animals.
Clean freedom:
Such simplicity is only another form of beauty, the everyday life, behavior and work methods are used to clean the natural product. Remember the statement of Mahatma Gandhi, 'My life is my message. "
Spiritual Freedom:
Meditation (meditation) with the outer world to look within art connects with the same depth as much as myself. Superficial simplicity spiritual life away from thinking vision is prudent to look at the broader level.
Family simplicity:
This means that your first duty is to give children and families a balanced life. Scratching the eyes were not close consumerism.
Social:
Things used to be frugal. Through the social media and other media to share ideas with people from far-flung.)
Jai Guruji.
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