बच्चों को खाना देने की स्कीम में लापरवाही के आरोप में डिप्टी डायरेक्टर सस्पेंड •
मनीष अग्रवाल, नई दिल्ली
आंगनवाड़ी में 8 लाख से अधिक बच्चों को खाना खिलाने की स्कीम में गंभीर लापरवाही सामने आई है। इसका खुलासा उपराज्यपाल नजीब जंग के ऑर्डर पर कुछ रसोईयों की अचानक इंस्पेक्शन के बाद हुआ। इसके बाद महिला और बाल विकास विभाग की डिप्टी डायरेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। शक है कि आठ साल में एक हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा का घोटाला किया गया है। महिला और बाल विकास विभाग की प्रिंसिपल सेक्रेटरी डॉ. सतबीर बेदी ने बताया कि लापरवाही के आरोप में डिप्टी डायरेक्टर सविता को सस्पेंड कर दिया गया है। दिल्ली में 11 हजार आंगनवाड़ियां हैं। हर आंगनवाड़ी में गरीब महिलाओं के 6 साल की उम्र वाले 70 से 80 बच्चों को रखा जाता है। ऐसी महिलाएं कुछ न कुछ काम करती हैं और बच्चों को घर पर नहीं रख सकतीं। इन बच्चों को आंगनवाड़ी में दलिया और खिचड़ी जैसा खाना दिया जाता है। यह खाना 23 एनजीओ के जरिए बनवाया जाता है। प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने बताया कि उन्होंने जामा मस्जिद और लाल दरवाजा, सीताराम बाजार में आंगनवाड़ी के बच्चों के लिए खाना बनाने वाली रसोईयों के कामकाज देखने के लिए विजिट की थी। इसमें गंभीर लापरवाहियां सामने आईं। पता लगा कि करीब 9 हजार बच्चों के लिए सुबह 9 बजे से पहले खाना बनाकर भेज भी दिया गया था। लेकिन खाना बनाने के कोई सबूत नहीं मिले। सब्जी के छिलके तक नहीं मिले। सब्जी छीलने के लिए केवल एक चाकू मिला। रसोई इतनी छोटी थी कि वहां मुश्किल से पांच से दस आदमियों का खाना बनाया जा सकता था। खाना बनाने में साफ-सफाई का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जा रहा था। गंदे पानी का इस्तेमाल भी किया जा रहा था। कई आंगनवाड़ियों के बारे में भी यह पता लगा कि वहां बच्चों की संख्या कम है। लेकिन रजिस्टर में हमेशा 70 से 80 बच्चे दिखाए जाते हैं। रजिस्टरों में कई महीनों या साल से किसी अफसर की विजिट का कोई प्रमाण नहीं था। जिन रजिस्टरों में कुछ विजिटर्स या अधिकारी के साइन भी थे तो उनमें डेट नहीं लिखी हुई थी। आंगनवाड़ी : 1 हजार करोड़ का घोटाला!
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