Monday, May 19, 2014

नेपोलियन का घोड़ा

एक बार युद्ध से संबंधित कोई जरूरी समाचार लेकर एक सैनिक सम्राट नेपोलियन के पास आया। उस सैनिक का घोड़ा रास्ते में इतना थक गया था कि उसने वहीं दम तोड़ दिया। नेपोलियन ने समाचार पढ़ा और उसका जवाब देते हुए उस घुड़सवार से कहा- जवान, तुम्हारा तुरंत वापस जाना बहुत जरूरी है, इसलिए तुम मेरे इस खास घोड़े पर सवार होकर युद्धभूमि में जाओ और सेनापति को हमारा पत्र पहुंचा दो। सैनिक को विश्वास नहीं हुआ। वह बोला- मेरे जैसे मामूली सैनिक का आपके घोड़े पर बैठना शोभा नहीं देगा। मैं पैदल ही जल्दी पहुंचकर समाचार देने का प्रयास करूंगा। इस पर नेपोलियन ने कहा-नहीं, नहीं तुम पैदल क्यों जाओगे, दुनिया में ऐसी कोई भी उत्कृष्टï स्थिति या वस्तु नहीं, जिस पर तुम्हारा अधिकार न हो। एक छोटे से छोटा सैनिक भी कोई भी ऊंची और अच्छी वस्तु प्राप्त कर सकता है। बिना देर किए मेरे इस घोड़े पर सवार हो युद्घ मैदान में यह पत्र सेनानायक के पास पहुंचा दो। सैनिक आश्चर्य में डूबा हुआ भयभीत आंखों से नेपोलियन के उस घोड़े को निहारने लगा जिसके बारे में कई किस्से प्रचलित थे। उसे साहस न हुआ कि वह उस पर सवार हो। वह फिर बोला- मेरी हिम्मत नहीं हो रही इस पर बैठने की। ऐसे सर्वोत्तम घोड़े पर तो आपको ही बैठना शोभा देता है। इस पर नेपोलियन ने उत्तर दिया-देखो, हर व्यक्ति की अपनी एक खास भूमिका होती है और इस कारण उसका विशेष महत्व भी होता है। अपने को थोड़ा भी कम मत समझो और इस पर सवार हो जाओ। यह सुनकर वह सैनिक उस घोड़े पर सवार होकर वहां से रवाना हो गया।
jai guruji

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