मिट्टी कुम्हार से बोली, ‘मुझे पात्र बना दो।’ कुम्हार ने कहा, ‘क्यों?’ मिट्टी बोली, ‘ताकि मुझमें पानी रह सके और लोग अपनी प्यास बुझा सकें। इससे मेरा जीवन सार्थक होगा।’ प्रत्येक मनुष्य के मन में भी ऐसे ही सार्थक जीवन की आकांक्षा होती है। यह गलत भी नहीं है। जीवन केवल सुख-सुविधाओं के पीछे पागल होकर बर्बाद करने के लिए नहीं है। सुविधाएं आपकी प्रगति की सहायक हो सकती हैं, साध्य नहीं।
जीवन का लक्ष्य बहुत ऊंचा है। अपनी जिंदगी के उस दूरगामी और ऊंचे लक्ष्य को हमेशा याद रखो और उस पर दृष्टि टिकाए रखो। अगर इन छोटी-मोटी सुविधाओं को ही जीवन का सार मान लिया तो अपने विपुल वैभव को तुम कौड़ियों के भाव गंवा बैठोगे। आइंस्टाइन ने कहा है कि, ‘मेरा अंतःकरण कितना छटपटाता है कि मैं कम-से-कम इतना तो दुनिया को दे सकूं जितना मैंने उससे अभी तक लिया है।’
अपने इस विपुल खजाने को पहचानो। यह प्रकृति से विरासत में मिला है। इस मनुष्य शरीर के साथ मिली शक्तियों का सही उपयोग तब होगा जब ऐसे लक्ष्य की ओर चलें, जिसे पाकर मानव होना सार्थक हो जाए। हमें अपने लक्ष्य को, विचारों के प्रवाह को हमेशा अग्नि शिखा की तरह ऊंचा रखना चाहिए। आग कहीं भी लगेगी, उसकी शिखा हमेशा ऊपर की ओर ही उठेगी। निम्नता की ओर प्रवाहित अपने विचारों की धारा को अग्नि शिखा की तरह ऊंचाई की ओर मोड़ने का प्रयास करें। जब भी आप ऐसा करके देखेंगे, आपको विशुद्ध आनंद की अनुभूति होगी।
सारे संसाधनों के बावजूद अगर जीवन में लक्ष्य प्राप्ति नहीं हुई तो फिर इन संसाधनों हेतु आपकी मेहनत का क्या अर्थ निकला/ जब जीवन में महान लक्ष्य बनाया ही नहीं, फिर कहीं पहुंचने का प्रश्न ही कहां? फिदेल कास्त्रो ने कहा है कि, ‘यह दुनिया चाहे जितनी भी सुंदर क्यों न हो, इसे और सुंदर बनाने की गुंजाइश हमेशा बची रहती है।’
लक्ष्य जितना महान होगा, साधना और सिद्धि भी उतनी ही महान होगी। खेल में जैसे प्रथम पुरस्कार एक ही होता है, वैसे ही हमारे हृदय में भी एक ही लक्ष्य स्थिर होना चाहिए। हमें अपूर्णता से पूर्णता की ओर जाना है। अपनी चेतना को ऊर्ध्वमुखी बनाकर लघु से विराट रूप देना है।
जीवन का लक्ष्य हमेशा श्रेष्ठ रखो। हो सकता है प्रारंभ में आप अकेले ही हों। इससे हताश होकर कदम पीछे हटाने की आवश्यकता नहीं है। सिद्धि कायरों को नहीं मिलती। वह साहसी वीरों को माला पहनाती है। गंगा की जलधारा कभी गंगोत्री में विस्तृत नहीं होती। अपने अपार विस्तार के लिए उसे भी सागर से ही मिलता होता है। जहां तमन्ना होती है, वहां शिकायत नहीं होती। पूछ-पूछ के चलोगे तो कोई साथ नहीं देगा। हिम्मत कर निकल पड़ो, लोग पीछे चलते चले आएंगे।
जय गुरूजी.
In English:
(Clay, 'I make it eligible. "Potter said," Why? "Clay said," so me and people living water to quench their thirst. It makes my life worthwhile. "In every human heart there is an expectation of a meaningful life. It is not even wrong. Life, obsessed with only the features do not have to waste. Facilities can help your progress, not the end.
The goal of life is very high. The long-term goal of his life and always remember the high and keep focused on that vision. If these minor features have accepted the essence of life lost its exuberant splendor Will you at throwaway prices. Einstein said, "My conscience is Ctptata much so that I at least have the world to him as much as I can give."
Recognize this enormous treasure. It is inherited from nature. The man's body was found with the use of the powers will then head toward the goal, which is to be worthwhile getting to be human. Our goal, the flow of ideas should always be elevated like a flame of fire. Fire will look elsewhere, his crest always rise upwards. Inferiority flowing stream of ideas to try to turn him to the height of a flame of fire. Whenever you see by doing so, you will experience pure bliss.
Even if all the resources were not achieving goals in life for these resources mean your work out / great goal in life, not just the question of where to get places? Fidel Castro has said that, "whatever the world may be beautiful, it's beautiful preserved always scope."
The aim would be great practice and accomplishment will be equally great. Such as first prize in the game is the same, so the same goal should be stable in our hearts. We go towards perfection is imperfection. Short of making colossal sculpt your consciousness upward.
Keep the goal of life is always the best. Initially, you may be alone. Frustrated This retreat is not required. The accomplishment is not cowardly. He is courageous heroes invests rosary. No stream of Ganga at Gangotri not elaborate. Him for his immense detail that comes from the ocean. Where there is desire, there is no complaint. Of asking someone to walk with you will not. Guts fall out, people will come back to follow.)
Jai Guruji.
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