संस्कृत साहित्य की यह चर्चित कथा है। एक बार वसंत ऋतु में एक कोयल वृक्ष पर बैठी कूक रही थी। आते-जाते लोग उसकी कूक को सुनते और उसकी सुरीली आवाज का आनंद लेते हुए उसकी तारीफ के पुल बांधते। कुछ देर बाद कोयल के सामने एक कौआ तेज गति से आया। कोयल ने उससे पूछा, ‘इतनी तेज गति से कहां जा रहे हो? कुछ देर बैठो, बातें करते हैं।’ कौए ने उत्तर दिया कि वह जरा जल्दी में है और देश को छोड़कर परदेस जा रहा है। कोयल ने इसका कारण पूछा तो कौआ बोला, ‘यहां के लोग बहुत खराब हैं। सब तुम्हें ही चाहते हैं। सभी लोग सिर्फ तुम्हारा आदर करते हैं। वह यही चाहते हैं कि तुम हमेशा की तरह इसी प्रकार से उनके क्षेत्र में गाती रहो। वहीं जहां तक मेरी बात है तो मुझे कोई देखना तक नहीं चाहता। यहां तक कि मैं किसी की मुंडेर पर बैठता हूं तो मुझे कंकड़ मारकर वहां से भगा दिया जाता है। मेरी आवाज भी कोई नहीं सुनना चाहता। जहां मेरा अपमान हो, मैं ऐसे स्थान पर एक क्षण भी नहीं रहना चाहता। ज्ञानियों ने भी हमें यही शिक्षा दी है कि अपमान की जगह पर नहीं रहना चाहिए।’ यह सुनकर कोयल बोली, ‘परदेस जाता चाहते हो तो बड़े शौक से जाओ। यह पूरी तरह से तुम्हारी इच्छा पर निर्भर है। लेकिन एक बाद का सदैव ध्यान रखना कि वहां जाने से पहले अपनी आवाज को बदल लेना। अपनी वाणी को मधुर बना लेना। यदि तुम्हारी वाणी ठीक वैसी ही कठोर रही, जैसी यहां पर है तो परदेस में भी लोग तुम्हारे साथ वही व्यवहार करेंगे जो अभी हो रहा है। संसार जो है, जैसा भी है, उसे बदला नहीं जा सकता। लेकिन हम अपनी दृष्टि और वाणी को बदल सकते हैं। इन दोनों के बदलने से जीवन की दिशा और दशा, दोनों बदल जाती है और यहीं से संसार में आनंद और सुख की प्राप्ति शुरू होती है।’
जय गुरूजी.
In English:
(The famous story of Sanskrit literature. Cook once in the spring was sitting on a cuckoo tree. People come and go and hear her scream while enjoying the rhythmic sounds of his pack on thick. After a while in front of a crow cuckoo came faster. Cuckoo asked him, 'Where are you going so much faster? Sit for a while, to do things. "Crow replied that he's in a hurry and leave the country is abroad. When asked the reason Cuckoo Crow said, "People here are very poor. All you want to own. All men will respect yours. She wants that you be always sings the same way in their field. As for me, if there where I do not want to see. Even pebbles hitting me when I sit on the parapets are banished from there. Nobody wants to hear my voice. The insult, I do not want to stay at a place for a moment. It has taught us that the wise should not be on the place of humiliation. "Cuckoo heard it said, 'What they want is to get the very fondly. It totally depends on your will. But always keep in mind that the change before going to your voice. To make your voice melodious. If your voice is exactly stiff, as if on a journey in which they will treat you the same is happening now. The world is as it is, it can not be changed. But we can change our vision and speech. Changing the direction of the life and condition of the two, is converted both joy and happiness in this world and right here begins receiving. ")
Jai Guruji.
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