Friday, May 13, 2016

सद्बुद्धि ..(Wisdom..)


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ईश्वर की ओर से मनुष्य को मिली एक अद्भुत और अनोखी देन है, बुद्धि। गीता में कहा गया है कि इस संसार में ज्ञान के समान और कुछ पवित्र नहीं है। जिस व्यक्ति में सद्बुद्धि है, वह अपनी और दूसरों की सभी समस्याओं का सहज समाधान निकाल लेता है, लेकिन दुर्बुद्धि से घिरे इंसान का और उसके करीबियों के जीवन का सर्वनाश निश्चित है। किसी व्यक्ति के पास धन का अधिक मात्र में संग्रह होने पर उसे सौभाग्यशाली नहीं कहा जा सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि सद्बुद्धि के अभाव में यही पैसा नशे का काम करता है। लक्ष्मी की सवारी उलूक है। उलूक यानी मूर्ख। इसलिए सद्बुद्धि न होने पर अनावश्यक संपत्ति मनुष्य को उलूक बना देती है। दूसरी तरफ कम पैसा होने के बावजूद सद्बुद्धि वाला इंसान अपना जीवन आनंद से बिताता है। मनुष्य के जीवन में तमाम समस्याएं दुर्बुद्धि के कारण ही आती हैं। कहा गया है कि यदि आपके बच्चे सद्बुद्धि वाले हैं तो उनके लिए धन का संचय नहीं करना चाहिए, क्योंकि धन के बगैर भी वे अपना जीवन सुखमयी बना सकते हैं। सद्बुद्धि से बढ़कर इस संसार में और कुछ नहीं है। सद्बुद्धि से मन-मस्तिष्क पर अनुकूल असर पड़ता है। मनुष्य के विचारों में संतुलन और स्थिरता आती है। साथ ही उसके धैर्य, चिंतन-मनन और संकल्प की शक्ति बढ़ती है। जिसकी बुद्धि दोषरहित है, वह मनुष्य सदा ही पवित्र और शुभ कार्य करता हुआ जीवन में महान आनंद प्राप्त करता है। सद्बुद्धि वाला इंसान कठिन परिस्थितियों से भी बाहर निकल जाता है। सम्राट अशोक ने कहा कि भले ही युद्ध लड़े मैदान में जाते हैं, लेकिन जीते दिमाग से जाते हैं। किसी भी इंसान में सद्बुद्धि उसके द्वारा चीजों को देखने और उन्हें समझने से विकसित होती है। जो दूसरों में सिर्फ दोष देखता है या फिर दूसरों की निंदा करता रहता है तो धीरे-धीरे ये चीजें उसके अंदर ही प्रवेश कर जाती हैं। तब व्यक्ति स्वयं में दोष खोजने लगता है और अपनी ही निंदा करने लगता है। उसके भीतर नकारात्मकता इस तरह घर कर जाती है कि उसे अपने जीवन में और अपने आसपास कुछ भी अच्छा होता नहीं दिखाई देता है। स्वर्ग-नरक कहीं और नहीं, बल्कि इसी धरती पर हैं, लेकिन फर्क बस इतना-सा है कि सद्बुद्धि मनुष्य को स्वर्ग का अहसास करती है और दुर्बुद्धि नरक का।
जय गुरूजी. 

In English:

(God has a wonderful and unique contribution to the human intellect. In the Gita, the knowledge that the world is not the same and some sacred. In a person's wisdom, he withdraws and comfortable solution to all the problems of others, but surrounded by Foolishness destroy human life and is sure his close associates. Someone collecting large quantities of money when it can not be said to be lucky. Because of the lack of wisdom that drug money works. Lakshmi is the Owls ride. Silly Owls ie. Therefore wisdom is not the Owls man makes unnecessary property. On the other hand, despite having little money to enjoy the good sense of the man who spends his life. Foolishness human life because of all the problems come. If your kids are that good sense should not be the accumulation of wealth for them, because without money they can make your life comfy. In this world there is nothing else than wisdom. Favourable impact on the mind with wisdom. Balance and stability is in the thoughts of man. With his patience, reflecting the strength and determination to grow. Whose intelligence is flawless, holy and auspicious acts that man has always receives great enjoyment in life. One slips out of difficult situations with wisdom. Ashoka said wars are fought in the field, but are living brain. Things to see him in any human wisdom and understanding grows. Sees just blame others or condemn others lives so gradually enter these things are within her. Then one begins to blame themselves and find their own condemnation. Such negativity that is inside her house in her own life and their surroundings do not see anything good. Heaven and hell somewhere else, not on earth, but the difference is small enough so that a sense of wisdom and Foolishness hell of heaven.)
Jai Guruji.

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