संगीत सिर्फ मनोरंजन का साधन ही नहीं है बल्कि यह अवसाद और याददाश्त से सबंधित कई तरह की बीमारियों के इलाज में भी बेहद कारगर है।
नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) में म्यूजिक थेरेपी केन्द्र के अध्यक्ष डॉ. टी.वी. साईराम ने संगीत की इस जादुई ताकत का खुलासा करते हुए एक संगीत कार्यक्रम में कहा कि समय आ गया है कि संगीत को केवल एक मनोरंजन का साधन नहीं मान कर मानव स्वास्थ्य के सबंध में उसकी अप्रतिम क्षमताओं को भी समझा जाए। उन्होंने कहा कि मेडिकल साइंस में संगीत ने इलाज की एक पद्धति के रूप में अपनी अलग जगह बना ली है।
भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान में डिर्माटमेंट ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. चंद्रकांत पांडव ने कहा यह अवसाद, अल्जाइमर और डेमेन्सिया जैसे मानसिक रोगों के उपचार में बेहद कारगर साबित हुआ है। ऐसे उपचार के दौरान यदि संगीत मरीज के पंसद का हो तो उसका असर और बेहतर होता है। यह सिर्फ एक कथन नहीं है बल्कि परीक्षणों में यह साबित हुआ है।
डीआरडीओ में इनमास विभाग में प्रोफेसर सुशील चंद्रा ने कहा नियमित तौर पर कर्णप्रिय संगीत सुनने से जीवन के प्रति नकारात्मक सोच और तनाव जैसी चीजों से छुटकारा मिलता है। यह दिलो दिमाग को ताजा रखता है और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देता है।
जय गुरूजी.
In English:
(The music is not just entertainment, but also relating to depression and memory loss is extremely effective in the treatment of many diseases.
National Anti-Doping Agency (NADA), the chairman of the Music Therapy Centre. TV He took up music in medical science as a method of treatment has made its niche.
Dirmatment in India Institute of Medical Sciences, Professor of Community Medicine Dr. Chandrakant Pandav said the depression, such as Alzheimer's and Demensia has proven highly effective in the treatment of mental diseases. If music be the choice of the patient during the treatment, so the effect is better. It is not just a statement, but it has proved in tests.
Prof Sushil Chandra said the DRDO INMAS department routinely listen to music from sounding negative mindset toward life and get rid of things like stress. It maintains fresh minds and promotes positive thinking.)
Jai Guruji.
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