क्या गुस्सा हमेशा बुरा होता है और खुश रहना हमेशा अच्छा? क्यों रोना कमजोरी है और नियमों को नहीं मानना विद्रोह। ऐसे ही कितने भावों को हम नकारात्मक मानकर उनसे दूर भागने की कोशिश करते हैं। पर विशेषज्ञ कहते हैं कि ये नकारात्मक लगने वाले भाव मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। अपने इमोशंस से दूर भागना हमें खुद से दूर करता है।
क्रोध :
जब भी हमारे साथ गलत होता है या मन मुताबिक नहीं होता तो गुस्सा आता है। एक तरह से स्थिति को अपनी पसंद के रास्ते पर लाने की इच्छा गुस्से के रूप में सामने आती है। पर भावों की सही समझ व उन पर नियंत्रण न होने के कारण यह गुस्सा बाद में पछतावे का कारण बन जाता है। इसलिए क्रोध शत्रु नजर आता है। गुस्सा बताता है कि कहां सीमा का अतिक्रमण हुआ है। लंबे समय तक क्रोध को दबाना अवसाद या रोष का कारण बन जाता है।
ध्यान रखें:
बुद्ध कहते हैं, ‘गुस्सा यानी किसी तेज गर्म अंगारे को दूसरे पर फेंकने की इच्छा से पकड़े रहना, जो अंतत: हमें ही जलाता है।’ जरूरत गुस्से को दबाने की नहीं, उसे सही दिशा देने की है। गुस्से की सही अभिव्यक्ति सुरक्षा भी देती है और अनावश्यक भावों से मुक्ति भी। शोध कहते हैं, गुस्से के क्षणों में लक्ष्य प्राप्ति की इच्छा सबसे अधिक होती है। समाधान की दिशा में किया गया गुस्सा लक्ष्य की ओर ले जाता है।
रोना :
गुस्से की तरह रोना भी कुछ स्थितियों में एक स्वस्थ भाव है। हालांकि कुछ हमेशा ही रोते रहते हैं। दरअसल वे पूरी तरह रोते भी नहीं हैं। तभी रोने की असली वजह तक नहीं पहुंच पाते। वास्तव में जिन स्थितियों पर हमें रोना आता है, उन्हें जीवन में महत्व देना चाहिए। वे आंसू नुकसान के साथ खुशी के भी हो सकते हैं। आंसुओं को रोकना हमें संकीर्ण बनाता है। शरीर में टॉक्सिन जमा होने लगते हैं। आंसुओं के साथ हमारी बेचैनी, तनाव, घबराहट व थकावट भी बाहर निकल जाते हैं।
ध्यान रखें:
रोना हमारी संवेदनशीलता का प्रतीक है। यह दूसरों से हमारे जुड़ाव को भी दर्शाता है। रोना उन क्षणों में अच्छा है, जब हम दूसरों को दोषी मानकर नहीं, सिर्फ अपने या दूसरों के लिए करुणा भाव में रो रहे होते हैं। रोने का कारण सही है तो दिल जानता है कि कब चुप होना है। रोने के क्षणों में खुद को स्वीकारें।
दिशाहीनता :
होता है ऐसा भी जब नहीं सूझता कि अब क्या किया जाए। किस ओर कदम बढ़ाया जाए। बिल्कुल ऐसे ही जैसे किसी अनजान शहर में खो गए हों। कभी कभी स्थितियां सोच से परे होती हैं। कोई रास्ता नहीं सूझता। किसी पक्ष में फैसला लेना चुनौती बन जाता है।
ध्यान रखें:
मोटिवेशनल स्पीकर क्रिस्टिनी कार्लसन कहती हैं, ‘ऐसे समय में यात्रा की निरंतरता की जरूरत को समझें। दिशाहीनता का मतलब यह नहीं कि आप हमेशा के लिए खो गए हैं। बस इतना कि आपको सही रास्ता तलाशने में समय लग रहा है।’ जैसे अनजान रास्तों में खो जाना नए रास्तों की पहचान कराता है, उसी तरह विकट समय में कुछ नए लोग, कुछ फैसले बड़ा बदलाव लाते हैं। जरूरत खुद को दिशाहीन मानने की नहीं, सभी दिशाओं पर खुले मन से विचार करने की है।
जय गुरुजी.
In English:
(What is annoying is always bad and always nice to be happy? Why do not cry rebellion weakness and regulations. How many expressions such as we try to run away from negative thinking. But experts say that the negative sense that it takes are good for mental health. Your emotions run away from us is ourselves.
Anger:
When the mind is not with us is wrong, then angry. The position of your choice on the way to a desire to get as angry. Expression on the right understanding and lack of control over the cause of the anger becomes later regret. There is so angry enemy. Anger is that states where cross border. Long-term suppression of anger is the cause of depression or rage.
Keep in mind:
Buddha says, "anger or desire to throw a fast horse on hot coals on the other, which ultimately turns on us soon." No need to suppress anger, is to give him the right direction. Correct expression of anger is security and freedom from unnecessary emotions, too. Research says, in moments of anger, desire is the highest goal. Anger towards the solution leads to the goal.
Crying:
In some cases, a healthy sense of anger is crying. Although some are always crying. Actually they are not fully cry. The only real reason to cry not reach. In fact the situation makes us cry, they should give importance to life. They may be happy with tear damage. Makes us stop the tears narrow. Begin to accumulate in the body of toxins. With tears of discomfort, stress, anxiety and fatigue are also out.
Keep in mind:
Crying is a symbol of our vulnerability. The others also reflects our association. Crying is good in those moments when we are not guilty to others, just to sense or compassion for others are crying. If the heart knows how to cry right to be silent. Allow yourself to cry moments.
Directionless:
It would also fail to see what to do now. What is moved into. Exactly the same as if lost in an unknown city. Sometimes things are beyond thinking. He could not see any way. Becomes a party to challenge the decision.
Keep in mind:
Motivational speaker Kristini Carlson says, need to understand the continuity of time travel. Directionless not mean that you are lost forever. Just look at you in finding the right path. "Identified as new paths are lost in unknown ways, the same way some new people in acute, some decisions to bring big changes. No need to accept yourself direction, is to be considered with an open mind on all directions.)
Jai guruji.
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