भगवान जब इस संसार में आते हैं, तब दुनिया के मनुष्यों में एक ध्रुवीकरण हो जाता है। कुछ एकदम उनके आदेश के अनुसार हर काम करने को तैयार हो जाते हैं और कुछ एकदम उनके खिलाफ हो जाते हैं। जो उनके आदेश के अनुसार काम करते हैं, वे धार्मिक हैं और जो उनके विपरीत करते हैं, वे अधार्मिक हैं। कृष्ण के समय में सुदामा जैसे भक्त भी आते हैं और कंस जैसे आदमी भी अर्थात ध्रुवीकरण हो जाता है। कोई उनकी निंदा किए बिना पानी नहीं पीते तो कोई गुणगान किए बिना पानी नहीं पीते। किन्तु धर्माचरण के लिए वैराग्य एक अति आवश्यक अंग है। वैराग्य का अर्थ सब कुछ छोड़ कर हिमालय की गुफा में भाग जाना नहीं है। अगर सब लोग घर-द्वार छोड़ कर हिमालय की गुफा में चले गए तो हिमालय की गुफाओं में सब लोगों के लिए स्थान होगा क्या? क्या इतनी गुफाएं हैं? अगर सभी वहां चले गए तो वहीं नगर नहीं बस जाएगा? फिर सेवा तो साधना का एक अंग है। सब अगर गुफा में चले गए तो सेवा किसकी करोगे? सेवा करने के लिए तो नर रूपी नारायण मिलेंगे नहीं।
तो वैराग्य का अर्थ क्या है?
दुनिया में सब कुछ ही विषय है। विषय छोड़ कर जाओगे कहां? अगर जंगल में चले गए तो वहां भी तुम्हारी ‘देह’ है, वह भी तो विषय है। उसको भी छोड़ना होगा। ‘मन’ भी तो एक विषय है। यह सब छोड़ देना तो मर जाना है। दुनिया में आए हो काम करने के लिए, जीने की साधना करने के लिए, मरने की साधना करने के लिए नहीं। वैराग्य माने हर चीज के बीच में रहो, किन्तु उस वस्तु के रंग से अपने मन को मत रंगो, उससे प्रभावित मत हो। दुनिया की हर वस्तु तुम्हारे वश में हो, तुम वस्तु के वश में नहीं जाओ। यह हुआ वैराग्य।
धर्म क्या है? ‘ध्रियते धर्म: स एव परमप्रभु:’ अर्थात जो तुम्हें धारण कर रहा है, जो तुम्हारे जीवन का आधार है। हर वस्तु अपनी विशेषता से पहचानी जाती है। तुम्हारी जो विशेषता है, वही तुम्हारा धर्म है। जो तुम्हारा आधार है, वही तुम्हारा धर्म है। इसलिए धर्म का जो निर्देश है, वह मानना ही पड़ेगा। वहां प्रश्न नहीं।
धर्म के अनुसार तुमको चलना ही है। जैसे, तुम्हारा मन चाहा कि सिर नीचे और पैर ऊपर करके चलना है। यह मनुष्य के लिए स्वाभाविक नहीं, ऐसा करने से तुम्हारी मौत हो जाएगी। वह धर्म नहीं है। वहां तुम अपनी तर्क बुद्धि लगाओ कि ऐसा करने से हम स्वस्थ रहेंगे क्या? तुम स्वस्थ नहीं रह सकते। धर्म का निर्देश क्या है? धर्म का निर्देश है कि तुम्हें साधु होना चाहिए। साधु कौन है? जो व्यक्ति मन में सोचते हैं कि मेरे लिए मेरा प्राण जितना प्यारा है, दूसरे लोगों के लिए भी उनके प्राण उतने ही प्यारे हैं। ऐसा समझ कर जो दूसरों के साथ व्यवहार करते हैं, वही हैं साधु। साधुता के विरुद्ध तुम्हें नहीं जाना। जहां धर्म का निर्देश है, वहां दूसरी बात नहीं चलेगी।
Jai Guruji.
In English:
(God come into this world, the world of humans is a polarization. Some are very willing to work, according to their order, and some are totally against them. Work according to their order, they are religious and those who are against them, they are irreligious. A devotee of Krishna Sudama in time to come and that polarization is men like canes. Without any condemnation do not drink do not drink water without any celebration. Is a very essential part of virtue but the quietness. Quietness means leaving everything does not go away in the Himalayan cave. If everyone went door to leave the Himalayan cave space for everyone in the caves of the Himalayas would? What so caves? If you go there, you will not just have the city? The service is part of the practice. If all went into the cave whose service do? Narayana not meet the male form of service.
What is the meaning of renunciation?
Everything in the world is the subject. Where will leave the topic? So there you go into the woods, "body", he is also the subject. He will also leave. "Mind" is also a topic. It is left to die. Came into the world to work, to live practice, practice not to die. Stay in the middle of everything considered quietness, but not his mind that the colors from the color of the object, is not affected. All things are in your hand, you do not get control of the object. This quietness.
What is religion? "Religion Driyte session Prmprbhu Yew:" That is what holds you, which is the basis of your life. Each object is identified by its characteristic. Whatever your specialty, what is your religion. Which is your base, is what your religion. The instructions of the religion, he will have to accept. There is no question.
You have to walk by faith. As such, your mind is willing to walk through the head down and feet up. It is not natural for humans to do so, you will die. It is not religion. Do you have the wisdom to do so by your logic do we stay healthy? You can not stay healthy. What is the religion of the instructions? The instructions that you should be holy religion. Who is Sage? The person who thinks in mind for me as my life is sweet, loving other people are just as his life. When dealing with others who understand it, the same monk. Do not you go against piety. Where religion is directed, the other will not.)
jai guruji.
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