(आगरा (India) डायबिटिक फोरम के पद्मश्री डॉ. डीके हाजरा, सचिव डायबिटोलॉजिस्ट डॉ. सुनील बंसल, डॉ. ए.के. गुप्ता के अनुसार)
डायबिटीज की बीमारी ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। एक दौर था जब वृद्धावस्था में लोग इसके बारे में सोचते थे, मगर आज डायबिटीज हर उम्र के लोगों को गिरफ्त में ले रही है। बच्चे और युवा सबसे अधिक इसके शिकार हो रहे हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक मां-बाप की डायबिटीज का खतरा सर्वाधिक संतान को है। ऐसी संतान में 80 से 90 फीसदी तक डायबिटीज होने की आशंका रहती है। हालात यह है कि देश को डायबिटीज की कैपिटल कहा जाने लगा है, वहीं ताजनगरी में भी डायबिटीज पीड़ितों का आंकड़ा चार लाख से ऊपर पहुंच चुका है। डॉक्टरों के मुताबिक वर्क प्रेशर, स्ट्रेस और खानपान की बदलती आदतें इसके लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन कुछ बातों का ख्याल रखकर खुद को फिट और फाइन रखा जा सकता है। प्री डायबिटीज स्टेज पर भी सतर्क रहकर जिंदगी को संभाल सकते हैं।
क्या होती है डायबिटीज :
डायबिटीज एक दीर्घकालिक रोग है, जो शरीर द्वारा ग्लूकोज के ठीक से इस्तेमाल न करने पर रक्त में शर्करा की उच्च मात्रा के कारण होती है।
डायबिटीज के कारण :
मोटापा, सुस्त जीवन शैली, शारीरिक गतिविधियों में कमी।
मानसिक तनाव में रहना।
आनुवांशिकता सबसे बड़ा कारण है।
अत्यधिक बाहरी खाद्य पदार्थों का प्रयोग।
डायबिटीज के लक्षण :
अत्यधिक प्यास लगना।
जल्दी जल्दी पेशाब का आना।
अत्यधिक भूख लगना।
थकान, घावों का देर से भरना।
जननेन्द्रियों में खुजली होना।
प्री-डायबिटीज का स्वरूप :
प्री डायबिटीज अक्सर सामान्य ब्लड शुगर और डायबिटीज के स्तर के बीच की अवस्था मानी जाती है। शरीर में ब्लड ग्लूकोज की मात्रा सामान्य से ज्यादा होती है, लेकिन इतनी भी अधिक नहीं होती कि इसे डायबिटीज ही कहा जाए। प्री डायबिटीज में व्यक्ति का शरीर इंसुलिन का प्रयोग सही प्रकार से नहीं कर पाता। इस वजह से रक्त शर्करा शरीर की कोशिकाओं या सेल्स में ऊर्जा की तरह इस्तेमाल होने की जगह खून में ही रह जाती हैं। इस स्थिति को इंसुलिन रेजिस्टेंस कहते हैं।
प्री-डायबिटीज पहचानने को ये बातें जरूरी :
सामान्य से अधिक वजन डायबिटीज के लिए खतरे की घंटी है।
शारीरिक व्यायाम वजन को भी नियंत्रण में रखता है और ऊर्जा के रूप में ग्लूकोज का उपयोग भी करता है।
अगर परिवार में माता-पिता को डायबिटीज हो तो डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओडी) नामक रोग होना, अनियमित माहवारी, अतिरिक्त अनचाहे बाल और मोटापा डायबिटीज का जोखिम बढ़ते हैं।
डायबिटीज के संदेह पर ये जांचें जरूरी :
फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज -
100 से कम हो, तो-शुगर सामान्य है।
100 से 125 हो तो प्री डायबिटीज है।
126 या इससे ज्यादा हो तो डायबिटीज है।
ओरल ग्लूकोज टोलरेंस टेस्ट:
140 से कम हो, तो ब्लड शुगर सामान्य है।
140-199 हो, तो प्री डायबिटीज है।
200 या इससे ज्यादा हो तो डायबिटीज है।
डायबिटीज होने पर ये जांचें जरूरी:
1. सामान्य मापदंड/भौतिक मापदंड
2. ब्लड शुगर
3. ग्लाय कोसिलेटेड हीमोग्लोबिन (एचवीएआईसी)
4. मूत्र में माइक्रो एल्ब्यूमिन की जांच।
5. लिपिड प्रोफाइल (रक्त में चिकनाई/वसा की जांच)
6. डायबिटीज न्यूरोपैथी या नसों की जांच (बॉयोकेमिस्ट्री)
इन बातों का रखें ध्यान :
शारीरिक व्यायाम स्वस्थ-सकारात्मक जीवनशैली का सबसे आवश्यक अंग है, जो इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करता है। इस प्रकार इंसुलिन की कार्य क्षमता बढम्ती है। लोगों को एरोबिक एक्सरसाइज करनी चाहिए।
आहार में वसा (फैट) युक्त खाद्य पदार्थ सैचुरेटेड फैट ज्यादा है, तो प्री डायबिटीज से ग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाता है। आहार में फैट कैलोरी 30 प्रतिशत से कम होनी चाहिए और सैचुरेटेड फैट 10 प्रतिशत से कम। अधिक वसा वाले खाद्य पदार्थ हैं- फास्ट फूड्स जैसे-बर्गर, पिज्जा, समोसे, पकोड़े और नमकीन आदि। सैचुरेटेड फैट वाले पदार्थ हैं-मक्खन, मटन, आइसक्रीम और घी आदि।
प्री डायबिटीज की स्थिति में डॉक्टर स्वस्थ जीवनशैली पर अमल करने की सलाह देते हैं, लेकिन ब्लड शुगर के नियंत्रित न होने की स्थिति में विशेषज्ञ डॉक्टर के परामर्श से दवा लें। केमिस्ट या किसी के कहने पर कोई दवा न लें।
डायबिटीज के लिए ये बातें जरूरी :
डायबिटीज में पेनक्रियाज में जो बीटा सेल होती हैं, वह इंसुलिन कम बनाती हैं। इसके अलावा इंसुलिन के विपरीत प्रोटीन बनने लगता है, जिस कारण डायबिटीज होती है। डायबिटीज आनुवांशिक भी होती है।
बहुत अधिक जंकफूड का सेवन करना, वजन ज्यादा होना, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित न होना, बहुत अधिक मीठा खाना, लगातार बाहर का खाना, पानी कम पीना, व्यायाम ना करना, शारीरिक काम कम करना, खाने के बाद तुरंत सो जाने आदि से भी डायबिटीज की आशंका बढ जाती है। डायबिटीज के मरीज को भूख, प्यास और यूरीन बहुत लगता है। घाव देर से भरते हैं।
जय गुरुजी.
In English:
(Agra (India) Diabetic Forum Dr Padma Shri. DK Hazra, secretary Daybitolojist. Dr Sunil Bansal, DR. According to A. K. Gupta )
(Diabetes has shaken the people. In an era when the old people used to think about it, but people of all ages arrested today taking diabetes. Children and young people are the victims.
According to experts, most of the parents of children are at risk of diabetes. 80 to 90 per cent of a child is prone to diabetes. Things came to be called the capital of the country has diabetes, diabetes in the Tajnagri victims has reached over four million mark. According to doctors work pressure, stress and changing eating habits are to blame, but taking care of a few things that can be put yourself fit and fine. Pre-diabetes can handle life on stage by being too cautious.
What is the diabetes :
Diabetes is a chronic disease in which the body does not use glucose properly, causing blood sugar levels are high.
Due to Diabetes :
Obesity, sedentary lifestyle, lack of physical activity.
Stay in mental stress.
Heritability is the biggest reason.
Use of excessive external food.
Symptoms of diabetes:
Excessive thirst.
Quickly come to pee.
Bulimarexia.
Fatigue, wounds fill late.
Jnnendrion be itchy.
The nature of pre-diabetes :
Pre-diabetes is often between normal blood sugar levels and diabetes is considered the state. Higher than normal blood glucose levels in the body, but not so much that it is called diabetes. Pre-diabetes is a person's body can not use insulin properly. This is because the blood sugar to be used as energy in the body's cells or cells in the blood leaves the place. This condition is called insulin resistance.
These things need to identify pre-diabetes :
The threat of diabetes is overweight.
Physical exercise is weight control and the use of glucose as energy.
If parents have diabetes in the family increases the risk of diabetes.
Polycystic ovary syndrome in women (Pisiodi) be called disease, irregular menstrual periods, excess unwanted hair and obesity increase the risk of diabetes.
The tests required on suspicion of diabetes
Fasting plasma glucose -
Less than 100, then-sugar is normal.
100 to 125 is then pre-diabetes.
If 126 or more diabetes.
Oral glucose tolerance test
At 140, the blood sugar is normal.
140-199, the pre-diabetes.
If 200 or more diabetes.
The tests necessary to develop diabetes
1. The general criteria / physical parameters
2. Blood Sugar
3. Glay Kosileted hemoglobin (Acviaaisi)
4. Check in urine micro albumin.
5. lipid profile (blood fat / fat check)
6. diabetic neuropathy or nerve check (Biochemistry)
Keep these things in mind :
The most essential part of a healthy lifestyle is exercise-positive, which reduces insulin resistance. Thus the function of insulin is Bdmti. People should aerobic exercise.
Dietary fat (fat) foods high in saturated fat, it increases the risk of pre-diabetes. Fat in the diet should be low in calories and saturated fat to 30 percent to 10 percent. There are more fat foods, fast foods such as burgers, pizza, samosas, pakoras and snacks etc. Saturated fat-containing foods, butter, meat, ice cream and ghee.
In the case of pre-diabetes to follow doctors recommend a healthy lifestyle, but in the absence of blood sugar control in consultation with specialist doctors take medication. Do not take me to a chemist or a drug.
These things are important for diabetes
Which is called the beta cells in diabetes, the insulin-low range. Also, unlike the protein seems to be insulin, diabetes is the cause. Diabetes is also genetic.
Jnkfud eating too much, to be overweight, blood pressure and cholesterol have not controlled, too much sweet food, constantly eating out, drink less water, do not exercise, do less physical work, go to sleep immediately after eating etc increases the risk of diabetes. Diabetes patient hunger, thirst and urine consuming. Wound late filling.)
Jai Guruji.
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