संघर्ष जिंदगी के रोचक पहलू है कभी रोना, कभी हँसना, दस्ता है इनकी विना संघर्ष के कोई वस्तु मिल जाये कोई मजा न आये इनमे। एक अरमान है जिंदगी के कोई आये और कुछ गुफ्तगू करे मीठे पल को यादगार करे। अरमान बहुत है इस दिल में लेकिन दफना लेता हु इनको कोई साथ न देता है, इन पल में सोचता हूँ काश! कोई दो पल साथ दे बिखर जाता है स्वप्न जब कोई अपना नही होता, पराये लगते है, तभी एक दिल की आवाज़ आती है, टूटने न दो ये हिम्मत, कामयाबी जरूर मिलेगी संघर्ष करो ये मानव, आशियाँ जरूर मिलेगी।
वीरेंद्र कुमार

'गुरु जी का आश्रम' (शिवांश), नई दिल्ली (भारत) में छतरपुर मेट्रो से लगभग छह किलोमीटर दूर स्थित है, भाई के कहने पर मै एक बार उनके आश्रम में गया मुझे यहाँ पर एक अद्भुत शांति महसूस हुई, मैंने आज तक ढोंगी गुरु / बाबा को देखा है, और सभी ने लोगो को मुर्ख बना कर उनके विश्वास को तोडा है, लेकिन यहाँ आपको शांति महसूस होगी, एक बार आप यहाँ आकर गुरु जी के समाधी स्थल पर अपना माथा झुकाये और लंगर का प्रसाद ग्रहण करे और अपने आप को गुरु जी को समर्पण दिल से करे, फर्क महसूस करेंगे। - (वीरेंद्र कुमार गुप्ता.)
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