Monday, September 9, 2013

मीठे पल (कविता)

संघर्ष जिंदगी के रोचक पहलू है कभी रोना, कभी हँसना, दस्ता है इनकी विना संघर्ष के कोई वस्तु मिल जाये कोई मजा न आये इनमे। एक अरमान है जिंदगी के कोई आये और कुछ गुफ्तगू करे मीठे पल को यादगार करे। अरमान बहुत है इस दिल में लेकिन दफना लेता हु इनको कोई साथ न देता है, इन पल में सोचता हूँ काश! कोई दो पल साथ दे बिखर जाता है स्वप्न जब कोई अपना नही होता, पराये लगते है, तभी एक दिल की आवाज़ आती है, टूटने न दो ये हिम्मत, कामयाबी जरूर मिलेगी संघर्ष करो ये मानव, आशियाँ जरूर मिलेगी। वीरेंद्र कुमार

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