Friday, December 9, 2016

आस्था ..(Faith ..)


आस्था के फूल हृदय की पवित्रता रूपी क्यारी में उगे मनोहारी पौधे पर ही खिल सकते हैं। वही आस्था लक्ष्य को पाने में समर्थ हो सकती है जिसकी जड़ें मौलिकता की खाद से उर्वरा शक्ति पाती हैं। मन के मैलेपन से पनपी आस्था उसके धारण करने वाले को किसी भी मुकाम पर छोड़ देने के लिए विवश हो सकती है। आस्था भक्ति, प्रेम, अपनत्व व आनंद की आधारशिला है। आस्था का दायरा बहुत बड़ा है। अध्यात्म में जब तक भक्त भगवान पर आस्था नहीं रखता, तब तक वह परमेश्वर की अनुभूति नहीं कर सकता। दुनिया का इतिहास इस बात का साक्षी है कि आस्थावान लोगों ने ही कामयाबी के कीर्तिमान स्थापित किए हैं। आस्था के पवित्र सरोवर में खिले भावकमल ही प्रभुकृपा का उत्तम प्रसाद पाने के एकमात्र अधिकारी हैं। आस्था की दृढ़ता अपने और अपने आराध्य के मध्य मिलन की दूरी व खाई को पाट देती है। आस्था अपने मंतव्य, गंतव्य व आराध्य को पाने की वह जादुई डोरी है, जिसकी शक्ति, भक्ति व सामथ्र्य से प्रभु, प्रेमी व लक्ष्य स्वयं ही उसकी ओर आकर्षित होते चले आते हैं। दृढ़ इरादों से विरचित आस्था के मंसूबे धारक को उसकी मनोकामनाओं की अंतिम मंजिल तक पहुंचाने की गारंटी देते हैं। आस्था अपने साथ विश्वास, नैतिकता, मूल्य व जीवटता को लेकर चलती है, जो भटकते राहगीरों व जीवन-सागर में दिशाहीन होकर समय के थपेड़े खाते मानव व जीव समुदाय को सही राह दिखाती है। आस्था केबगैर कोई भी जीवन में आनंद व खुशी पाने की कल्पना नहीं कर सकता। आस्था मूल्यवान सृष्टि की रचना करती है, जिसका उद्देश्य विशुद्ध रूप से आराधना में पवित्रता के साथ-साथ जीवन को एक उत्तम उद्देश्य के लिए प्रेरित करना होता है। आस्था की प्रबलता, प्रभु की अपने प्रति आसक्ति और करुणा-प्रीति के बढ़ने की द्योतक होती है।  उत्साह भी आस्था की ही आत्मजा है जो इससे प्रेरणा पाकर प्रभु मिलन व उनके साक्षात्कार में सहायक होती है। आस्था पवित्र भावों की वह मंदाकिनी है जिसमें स्नान करने की लिए देवगण स्वयं ही उत्कंठित रहते हैं। आस्था ही भक्ति व भक्त का कवच है। आस्था भक्त के पास ईश्वरीय अनुकंपा की अमोघ शक्ति है, जिससे वह किसी भी पावन जीवन-लक्ष्य की प्राप्ति में सफल हो सकता है। जीवन के अनमोल वैभवों को पाने और आत्मिक व असली आनंद प्राप्ति का मूल मंत्र है आस्था। समृद्धि, खुशहाली, भौतिक, आध्यात्मिक उन्नति और आनंद की जीवन-डोर है आस्था।
जय गुरूजी. 

In English:

(Faith grows in the flower bed in the form of breathtaking purity of heart can bloom on the plant. Faith may be able to target the roots of originality gets manure fertility. Faith flourishes turbidly mind holding him at any stage may be forced to leave. Faith devotion, love, and joy is the cornerstone of affinity. Faith is overly large. As long as man does not believe in God, spirituality, he could not feel God. World history is witness to the fact that the success milestones are faithful people. Of faith in the sacred pond of blooming Bavkml Prbhukripa exquisite offerings to get the sole officer. Faith's tenacity and his adorable distance between the union and the gap is bridged. Faith their intended destination and get to that magical chord adorable, whose strength, devotion and strength of the Lord, her lover and himself attracted to come away goal. Steadfast faith intentions formulated holder designs are guaranteed to reach the final destination of his wishes. Faith with faith, ethics, values ​​and the moving adventure which lives in the ocean and directionless wandering passers Buffeted time, shows the right path to human and animal community. Faith Kebgar any pleasure in life and can not imagine happiness. Faith is a valuable creation, aimed purely purity in worship along with a good purpose for life is inspiring. The predominance of faith, compassion, love of God and of their attachment to grow predicts. It also inspired the enthusiasm of faith that the Lord aatmaja union and is helpful in the interview. Faith Holy actions of the galaxy in which to bathe the gods themselves are keen. Devotion is the armor of faith and the devout. Devout faith of the unfailing power of God's grace, so that any sacred life can be successful in achieving this goal. Vabvon get precious spiritual and real enjoyment of life and faith is the key to achievement. Prosperity, well-being, physical, spiritual development and enjoyment of life is faith-door.
Jai Guru.

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