Friday, July 29, 2016

मानवता सुरक्षित है क्योंकि रिश्तों के पुल बनाने वाले लोग मौजूद अभी भी है. ..(Humanity is safe because relationships Makers of the bridge is still present. ..)


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दो भाई अगल-बगल रहते थे। उनके खेत भी आसपास ही थे। वे चालीस साल ऐसे ही रहे, फिर एक दिन उनमें झगड़ा हो गया। कहासुनी के बाद बातचीत बंद हो गई।
कुछ ही दिन बाद दोनों के घरों के बीच के घास के मैदान से छोटा भाई अपना बुलडोजर नदी तक ले गया, जिससे बीच में खाड़ी सी बन गई। 
यह देख बड़े भाई ने एक बढ़ई को बुलाया और उससे कहा कि ऐसी बाड़ बना दो जिससे आर-पार कुछ भी न दिखे। बढ़ई ने लकड़ी मंगाई और काम करने लगा। बीच में एक दो-दिन की छुट्टी भी की। जब उसने काम खत्म किया तो बड़े ने देखा कि वह बाड़ नहीं पुल था। वह बड़ा सुंदर बना था, रेलिंग लगी थी। 

गुस्सा होने को था, तभी देखा छोटा भाई इस पुल से आ रहा था। वह बांहे फैलाकर कहने लगा,‘ मैं गुस्से में बहुत कुछ गलत बोल गया था। मुझे माफ कर दो। मैं यही सोच रहा था, आपने बनवा भी लिया।’ बड़ा कुछ देर रुका फिर वह भी पुल पर जाकर छोटे से गले मिल कर रोने लगा। यह कहानी सुखांत पर समाप्त हुई। क्रोध प्रेम में बदल गया नहीं तो ज्यादातर गुस्सा अपनों का दिल तोड़ता है, घर बर्बाद करता है। कई बार गुस्से में इंसान अपनों की हत्या भी कर देता है, भले ही जेल में क्यों न रहना पड़े। 

आज गुस्सा एक मानसिक रोग का रूप ले चुका है। हम शहरों में सड़कों पर आए दिन लोगों को छोटी-छोटी बात पर लड़ते देखते हैं। इसके पीछे भी क्रोध ही काम कर रहा होता है। गीता में कहा गया है कि जब हमारी नियंत्रण की इच्छा,योजना और उम्मीद टूट जाती है तब गुस्सा कठोर शब्दों और हिंसक कृत्यों में व्यक्त होता है। इसलिए यह नरक का द्वार है। आज संसार में आतंक फैलाने वालों के ऊपर यही बात लागू होती है। ये लोग पारिवारिक तौर पर असंतुष्ट, घरेलू हिंसा में लिप्त, गुस्से से भरे और एकाकी व्यक्ति होते हैं। वे न सिर्फ दूसरों के बल्कि अपने जीवन में भी दुख फैला रहे हैं। 

गुस्से से भरे इंसान का विवेक नष्ट हो जाता है इसलिए वह अपने गलत काम को भी सही ठहराता है। क्रोध से बचने का उपाय तो सिर्फ उसे बताया जा सकता है तो उससे बचना चाहता हो, पर जिसे यह अहसास ही न हो कि यह गलत है, उसके आगे सब हार जाते हैं। 

कहते हैं, गुस्से में फौरन कुछ न कहो, थोड़ी देर चुप रहने से उफान कम हो जाता है। गुस्से की आग को प्रेमपूर्ण शब्दों के छींटों से शांत करने के बाद शायद बात उतनी गलत न लगे। भगवान का नाम निरंतर लेना भी मदद करता है, पर जो ईश्वर का नाम लेकर हिंसा करते हैं उनके लिए नए उपाय सोचने पड़ेंगे ताकि यह संसार बेहतर जगह बन सके। जो भी हो, मानवता का अंत नहीं हो सकता क्योंकि रिश्तों के पुल बनाने वाले लोग हर समय मौजूद रहते हैं।

जय गुरूजी. 

In English:

(Two brothers lived next to each. It was also around their farm. They are like forty years, then one day they had a fight. After a dispute broke off negotiations.

Soon after, the two houses of the meadows younger brother took his bulldozer to the river, which became the Gulf Sea.

My older brother called it a carpenter and told him to build a fence across two so you do not see anything. Carpenter and started working the wood floats. Even in the midst of a two-day holiday. When he finished, he saw the big bridge fence. She had big beautiful, was railing.

Was to be angry, then saw the younger brother was coming from the bridge. He stretched arms said, "I was angry, so anything wrong. Forgive me. I was thinking that, you also have to build. "Then he paused for a while too big bridge going to get smaller and wept sore. This story ended on a happy ending. Most, if not love, anger turned to rage, breaks the hearts of loved ones, home wastes. Sometimes angry man makes his own murder, even if they have to stay in prison even.

Angry today has taken the form of a mental disease. We came to the streets in cities the day people see little point fighting. Anger is also working behind it. Gita said that when our desire to control, plan and hopefully breaks down is expressed in acts of violence and anger and harsh words. So it is a gateway to hell. Those who spread terror in the world today is the same thing applies. They generally dissatisfied family, domestic violence, are angry and lonely person. They not only hurt others, but also in your life are spreading.

Angry man's conscience is destroyed so he does, his wrong too. Anger can be a way to avoid it just told him to avoid him, but he may not realize that it is wrong, then all the lose.

Say, do not say anything in anger immediately, while the boom is reduced to silence. Romantic sprinklers to cool the fire of angry words were not wrong after probably will happen. Also helps to take the name of God constantly, on violence in the name of God for them to do so will have to think of new ways of making the world a better place. Anyway, can not be the end of humanity as people who build bridges of relationships are present at all times.)
Jai Guruji.

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