मरने के बाद एक व्यक्ति की आत्मा को यमदूत धर्मराज के सामने ले गए। दूतों ने धर्मराज को बताया कि यह एक बड़ा महात्मा है। युवावस्था में ही अपने माता-पिता और स्त्री-बच्चों को छोड़कर यह जंगल चला गया और जीवन भर तप करता रहा। धर्मराज ने कहा, ‘कर्त्तव्यों को त्यागकर कोई धर्मात्मा नहीं बन सकता। इसे पुनः धरती पर भेजो और बता दो कि कर्त्तव्यपालन के साथ-साथ भजन करे तभी इसे स्वर्ग me स्थान मिलेगा अन्यथा नहीं।’ यमदूतों ने एक दूसरे व्यक्ति की आत्मा उपस्थित की और कहा, ‘यह व्यक्ति बड़ा कर्तव्यपरायण है। काम को ही सब कुछ समझता है। इसकी स्त्री बीमार पड़ी और मर गई, पर इसने उसकी कुछ भी परवाह नहीं की। अपने कर्तव्यपालन में लगा रहा।’ धर्मराज ने कहा, ‘ऐसे हृदयहीन व्यक्ति का स्वर्ग में क्या काम? भावनापूर्वक किया गया कर्त्तव्य ही प्रशंसनीय हो सकता है। जिसे अपने नैतिक कर्त्तव्यों का ज्ञान नहीं है, उसकी शारीरिक दौड़-धूप क्या महत्व रखेगी? इसे पृथ्वी पर भेजो और कहो कि भावनापूर्वक अपना जीवन जिए और दूसरों से प्रेम करना सीखे, तभी उसे स्वर्ग में स्थान मिलेगा अन्यथा नहीं।’ अब यमदूत एक तीसरे व्यक्ति की आत्मा को लेकर आए। यमदूतों ने कहा, ‘यह एक साधारण गृहस्थ प्राणी है। अपने पूरे जीवन में सदा आस्तिक रहा, पवित्र जीवन जिया, प्रेमपूर्वक परिवार को सुविकसित किया और दूसरों के उत्थान के लिए निरंतर प्रयास करता रहा।’ धर्मराज ने प्रसन्न होकर कहा, ‘स्वर्ग ऐसे ही लोगों के लिए बनाया गया है।
इसे आदरपूर्वक ले जाओ और इसके वहां आनंदपूर्वक रहने की संपूर्ण व्यवस्था कर दो।’ अब बाकी दोनों आत्माएं समझ गई थीं कि वास्तव में पवित्र जीवन जीने वाला, प्रेमी स्वभाव का परमार्थ-परायण कर्त्तव्यनिष्ठ साधक ही स्वर्गीय आनंद का अधिकारी होता है।
जय गुरूजी.
In English:
(After death the soul of a person in front of Dharmaraja took Death.They. Dharmaraja told messengers is a great Mahatma. Young women and children from their parents and it went wild and life continued tenacity. Dharmaraja said, "no religious duties can not be forsaken. Send it back to earth and worship as well as to duty among tell if it will not otherwise place in heaven. "Ymduton present the soul of another man and said, 'This man is a big dutiful. Considers everything to work. The woman fell sick and died, but it did not bother her anything. Laying in their discharge of duties. "Dharmaraja said," What a heartless person in heaven? The obligation may be the only plausible Bavnapurwk. Who have no knowledge of their ethical duties, you will override the physical clutter? Send and tell Bavnapurwk lived his life on earth and learn to love others, then he would not otherwise have a place in heaven. "Now Death.They brought a third person's soul. Ymduton said: "It is an ordinary household creature. I am always a believer in his entire life, lived a holy life, love and family well-developed and makes a constant effort for the upliftment of others. "Dharmaraja was delighted and said," Heaven is designed for people like that.
Take it respectfully, and the entire system of living happily do it. "Now she understood that the other two spirits with holy living, loving character of the charity-oriented dutiful seeker is entitled to the heavenly bliss.)
Jai Guruji.
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