हम सभी को बचपन से ही अपने भीतर अच्छे संस्कारों, अच्छे विचारों और अच्छे कार्र्यो के बीज अंकुरित करने का प्रयास करना चाहिए। इस कार्य के लिए प्रात: काल का समय बेहद महत्वपूर्ण होता है। इसलिए प्रतिदिन प्रात:काल अपनी आंखों को बंद करके परमात्मा से प्रार्थना करें कि हे परमात्मा! आप मुझमें शक्ति प्रदान करो। मेरे रोम-रोम को स्वस्थ करो। यह सुनिश्चित करो कि पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश मेरे शरीर को स्वस्थ रखें ताकि मैं अपने जीवन को शक्तिशाली बनाकर रख सकूं। मेरा मानना है कि यदि आप अपने जीवन के बारे में उत्तम विचार रखते हैं, तो आपका जीवन उत्तम बनेगा और यदि आप जीवन के प्रति नकारात्मक भाव रखते हैं तो आपका सारा जीवन नकारात्मक बन जाएगा। आपके शरीर में जो जीवनी शक्ति है वह नकारात्मक बन जाएगी। ऐसा इसलिए, क्योंकि आपका शरीर आपके ही विचारों से प्रभावित होता है। जैसा आपका विचार होगा, वैसा ही आपका जीवन भी होगा। जो लोग जीवन को आनंद के रूप में, ऐश्वर्य के रूप में, सफलता के रूप में और संगीत के रूप में स्वीकार करते हैं, उनका जीवन आनंदमय हो जाता है। ऐश्वर्यमय हो जाता है। संगीतमय हो जाता है। दूसरी ओर ऐसे भी लोग हैं, जो जीवन को निराशा, असफलता और विपत्ति के रूप में स्वीकार करते हैं, लिहाजा उनका जीवन आंसू बनकर बह जाता है। अब प्रश्न यह उठता है कि हम अपने जीवन के आनंद के रूप में स्वीकार करते हैं या दुख के सागर के रूप में स्वीकार करते हैं। जीवन को इससे कुछ लेना-देना नहीं है कि वह आपके जीवन में दुख लेकर आए या सुख लेकर। जीवन तो सीधा जीवन है। आप सब लोग एक संपूर्ण जीवन के स्वामी हैं। यदि आपके जीवन में कोई विकृति है तो प्रतिदिन प्रात:काल यह संकल्प लें कि अब मेरा विकार नष्ट हो रहा है। मेरे जीवन में अब सद्गुण का उदय हो रहा है। ऐसे विचारों को प्रतिदिन प्रसन्नतापूर्वक, मुस्कराते हुए स्वीकार करना चाहिए और मन में संकल्प लेना चाहिए कि मैं प्रतिक्षण क्रियाशील बना रहूंगा। आलस्य का त्याग करूंगा। किसी प्रकार के नशे का सेवन नहीं करूंगा। लोगों से हमेशा मुस्कराते हुए बातचीत करूंगा। क्रोध पर विजय प्राप्त करूंगा और मन की सारी बुरी भावनाओं का त्याग कर दूंगा।
जय गुरूजी.
In English:
(All of us from childhood in his good manners, good thoughts and good Carryo should try to sprout seeds. For this, the morning time is very important. So every morning by closing their eyes to pray to God, O God! Let me give you strength. I do healthy Rome-Rome. Make sure that the earth, water, fire, air and space, keep my body healthy so that I can put my life by making powerful. I believe that if you have good idea about your life, your life will be better and if you are negative towards life, your whole life will become negative. She is the life force in your body will become negative. This is because your body is affected by your own thoughts. If you like the idea, so your life will be. As for those who enjoy life, glory, as the success and acknowledge as music, his life becomes delightful. Aeshwaryamy goes. Is musical. On the other hand there are also those, who lives disappointment, failure and acknowledge it as evil, so their lives are flowing as tears. Now the question is that we accept as your enjoyment of life or accept suffering as the ocean. This life is not concerned that she brought misery into your life with pleasure. Life is simple life. You all are the owner of a perfect life. If your life is a perversion daily morning the resolution that is now being destroyed my disorder. My life is now shining virtue. Fain day such ideas, beams must admit that I have in mind must resolve critical moment will be there. I will abandon laziness. I will not take any drugs. People will always talk beams. Will overcome all the bad feelings of anger and mind will give up.
Jai Guruji.
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