श्रद्धा प्रत्यक्ष अनुभूति का परिणाम है। श्रद्धा का कोई विकल्प नहीं। ‘भारत माता’ जम्बूद्वीप भरतखंड की श्रद्धा हैं। भारत माता अदृश्य कल्पना नहीं। आंखो देखा, सोचा-समझा जीवंत अनुभव है। पंडित जवाहर लाल नेहरू की चर्चित पुस्तक ‘दि डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ (पृष्ठ 61) का उपशीर्षक है ‘भारत-माता’। उन्होंने अंग्रेजी में लिखी इस किताब में भारत माता को मदर इंडिया नहीं भारत माता ही लिखा है, ‘‘मैं इस सभा से उस सभा में जाता हूं। उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम .भारी भीड़ स्वागत में ‘भारत माता की जय’ की नारेबाजी करती है। मैं पूछता हूं - यह भारत माता कौन है? जिसकी विजय आप चाहते हैं। एक व्यक्ति कहता है-यह धरती। भारत की पवित्र धरती। मैं पूछता हूं - कौन सी धरती? आपके गांव की? जिले की या राज्य की? या पूरे भारत की? प्रश्नोत्तर जारी रहते हैं। मैं कहता हूं आप जो सोचते हैं, वही भारत माता है, लेकिन इससे भी ज्यादा है वह। ये पर्वत, नदियां, वन हम आप सब भारत माता हैं।’’ डॉ. राममनोहर लोहिया की एक किताब का नाम है ‘भारत माता धरती माता’। लोहिया ने भारतीय संस्कृति, विविधता और अंतरंग एकता का तथ्यात्मक वर्णन किया है। ‘भारत माता’ जीवमान सत्ता हैं। हजारों बरस पहले ऋग्वेद से लेकर आधुनिक काल तक भारत माता की श्रद्धा है। लेकिन ओवैसी की चुनौती है कि गर्दन पर चाकू रखो तो भी वह भारत माता की जय नहीं बोलेंगे। ओवैसी स्वयंभू मुस्लिम नेता हैं। उन्हें कोई भाव नहीं देता। चाकू छूरी चलाने की न फुर्सत है और न जरूरत। गीतकार जावेद अख्तर ने राज्यसभा में उन्हें ठीक ही ‘मोहल्ला छाप’ नेता बताया है। जावेद ने स्वयं कई बार भारत माता की जय के नारे लगाए और ओवैसी पर तीखी टिप्पणी की। ओवैसी मुस्लिम गोलबंदी और सांप्रदायिक विभाजन चाहते हैं। लेकिन उनकी बयानबाजी से मुसलमानों का ही नुकसान होता है। उन्होंने कहा है कि ‘भारत माता की जय’ संविधान में नहीं है। जनगणमन को राष्ट्रगान और वंदेमातरम् को राष्ट्रगीत संविधान सभा ने ही घोषित किया था। संविधान सभा में अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा, ‘‘जनगणमन शब्द संगीत वाली रचना भारत का राष्ट्रगान है। वंदेमातरम् गीत जिसने स्वतंत्रता संग्राम में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है, उसे भी जनगणमन के समान सम्मान दिया जाएगा।’’ सभा की कार्यवाही में वंदेमातरम् को स्वतंत्रता संग्राम में एतिहासिक भूमिका निभाने वाला कहा गया है। वंदेमातरम् भारत माता का ही जयघोष है। वंदेमातरम् की भारत माता ‘कोटि कोटि भुजैधृत अबला केनो मां एतो बले-करोड़ो करोड़ भुजाओं वाली मां अबला नहीं हैं।’ ओवैसी टाइप लोग इसे याद रखें तो अच्छा रहेगा। भारत माता राष्ट्रभाव की चरम संवेदनशीलता है। चीन के संविधान के अनुच्छेद 55 में मातृभूमि की रक्षा और आक्रमण का प्रतिकार प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। कम्युनिस्ट सोवियत संघ के संविधान में भी समाजवादी मातृभूमि की रक्षा को नागरिक कर्तव्य कहा गया था। मिस्र के राष्ट्रगीत में भी देश माता है - ‘ओ मदर ऑफ आल लैंड्स’। बांग्लादेश में भी देश मां है। स्वाधीनता संग्राम में ‘भारत माता की जय’ ही गूंज रही थी। राष्ट्रगीत वंदेमातरम् इसी का जीवमान प्रतिमान था। मुस्लिम लीग ने भारत माता से इन्कार किया। गांधीजी ने ‘हरिजन’ में लिखा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह हिन्दु गीत है। दुर्भाग्य से हम बुरे दिन देख रहे हैं।’ बेशक वे बुरे दिन थे। भारत को माता और एक राष्ट्र न मानने वालों ने देश तोड़ा। अलगाववादी अब भी हैं, लेकिन भारत माता की जय बोलने वालों की तादाद अब 99 फीसद है। मुसलमान अलगाववादियों के साथ नहीं हैं। भारतीय संविधान में लिखित ‘मूल कर्तव्य’ पठनीय हैं। लिखा है कि संविधान और उसके आदर्शो, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करें। राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो का पालन करें। भारत माता की जय इसमें शामिल है। आगे लिखा है कि भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करें। ओवैसी का बयान संवैधानिक कर्तव्य के खिलाफ है। सारी दुनिया में मातृभूमि के साथ भावात्मक लगाव है, लेकिन यहां भारत माता और राष्ट्रभाव पर ही हमला है। निशाना नरेंद्र मोदी हैं, भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ है। लेकिन ‘भारत माता’ का प्रतीक और भाव संघ की निर्मिति नहीं है। दुनिया के प्राचीनतम ज्ञान अभिलेख ऋग्वेद में धरती माता है। अथर्ववेद के पृथ्वी सूक्त में यह भूमि माता है और हम इसके पुत्र हैं। भारत माता पृथ्वी माता इस देश के सांस्कृतिक प्रवाह का भौतिक और भावनात्मक बोध है। योगी अरविंद, विवेकानंद ने इसी सत्य को प्रगाढ़ किया। टैगोर, बंकिम चंद्र, नेताजी सुभाष चंद्र, तिलक, गांधी, नेहरू आदि इसी से जुड़े। संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार ने इसे राष्ट्र जागरण का बीज मंत्र बनाया। खुन्नस का कारण संघ का विस्तार है। देश के सभी भाषाई व सभी भौगोलिक क्षेत्रों में भारत माता की जय है। अलगाववादी लस्त पस्त हैं। स्वयंभू मजहबी नेताओं की कोई नहीं सुनता। स्वयंभू वामपंथी बौद्धिक भी हताश निराश हैं। ऐसे तत्व गठजोड़ कर रहे हैं। किसी का हीरो अफजल गुरु तो अगले का एलान कश्मीरी आजादी है। ओवैसी टाइप लोग इसी रेजगारी का हिस्सा हैं। वे मजहब की गलत व्याख्या करते हैं और चर्चा में बने रहने के लिए घटिया बयान देते हैं। स्वाधीनता आंदोलन की कांग्रेस भारत माता की जय बोलती थी, लेकिन अब कांग्रेस भी ऐसे खेल में शामिल है। कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने संघ और रक्त पिपासु इस्लामिक स्टेट की तुलना की कोशिश की है। आजाद अपनी बात के लिए आजाद हैं, लेकिन ऐसी तुलना से उनकी भद हुई है। आरोप ‘बैक फायर’ हो गया है। भारत विशाल देश है। अनेक भाषाएं, रीति रिवाज, विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद सवा अरब लोग भावात्मक रूप में एक हैं। अंतरराष्ट्रीय विद्वान ईएच कार ने राष्ट्रगठन के लिए राष्ट्र की छवि से संबंधित समवेत भाव को जरूरी बताया है। भारत माता भरतजनों का ऐसा ही समवेत भाव है। संसद में भी राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत में भारत माता के जयघोष की शुरुआत 1992 से शुरू हुई। केएच मुनियप्पा व मुमताज अंसारी के प्रश्न के उत्तर में मानव संसाधन मंत्री अजरुन सिंह ने सभी विद्यालयों में राष्ट्रगान न हो पाने का उत्तर दिया। मुंबई के तत्कालीन सांसद (अब उप्र के राज्यपाल) राम नाइक ने चर्चा की मांग की। कहा, ‘भगत सिंह वंदेमातरम् और भारत माता की जय बोलते हुए फांसी पर चढ़ गए। सारे देश में राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत दोहराने की आवश्यकता है।’ अजरुन सिंह ने सारी बातें स्वीकार कीं। कहा कि सदन में राष्ट्रगान / राष्ट्रगीत का अधिकार अध्यक्ष का है। शिवराज पाटिल की अध्यक्षता वाली सामान्य प्रयोजन समिति ने दोनों के गायन का निर्णय लिया। संप्रति देश की सभी विधायी संस्थाओं में दोनों गीत गाए जाते हैं। हम सबको राष्ट्रभाव की मजबूती के लिए ऐसे प्रयत्न जारी रखने चाहिए।
(लेखक उप्र विधान परिषद में भाजपा के नेता हैं)
In English:
(Faith is the result of direct experience. No substitute for faith. 'Bharat Mata' reverence of Jambudvipa are Brtkhand. Bharat Mata invisible imagine. Eyes saw, conscious living experience. Pandit Jawaharlal Nehru's famous book The Discovery of India "(page 61) is the subtitle of 'Mother India'. He wrote the book in English, not Bharat Mata Bharat Mata, Mother India is written, 'I am in this House that meeting. From north to south, from east to west, welcome Kbari crowd 'Bharat Mata Ki Jai' is the slogan. I ask - Who is Mother India? If you want the victory. One person says-it Earth. India's sacred soil. I ask - What on earth? Your village? District or state? Or all of India? Q continue. I say that you think the Mother India, but it is even more. The mountains, rivers, forests we are all Mother India. "" Dr. Ram Manohar Lohia, a book is called 'Mother India Mother Earth'. Lohia Indian culture, diversity and factual description of the intimate unity. 'Bharat Mata' Jivman entities. Thousands of years ago to modern times, from the Rig Veda is the faith of Mother India. Put the knife on the neck of that challenge but Owaisi even if he will not say Bharat Mata Ki Jai. Owaisis self Muslim leader. They do not have any sense. Do not have time to drive the knife and no knife needed. Lyricist Javed Akhtar in Rajya Sabha rightly 'Mohalla impression' leader said. Javed himself repeated cries of 'Bharat Mata Ki Jai on owaisi remarks. Owaisis Muslim sectarian mobilization and want to partition. But his rhetoric is the only disadvantage of Muslims. He said that the 'Bharat Mata Ki Jai' is not in the Constitution. The national anthem and national song Vande Mataram Jngnmn the Constituent Assembly was declared. Constituent Assembly chairman. Rajendra Prasad said Jngnmn work, with words and music is the national anthem of India. Vande Mataram song has played a historic role in the freedom struggle, it will also respect Jngnmn like. 'Vande Mataram in the proceedings of the House in the historic role of the freedom stated. Mother India Vande Mataram is the acclamation. Mother India Vande Mataram 'Koti Koti Bhujadrit mother in distress Kano Ato Bale-billion million mothers in distress are not armed. "Remember it's good to keep Owaisis type. Mother India's extreme sensitivity Rashtrbav. Article 55 of China's Constitution and in defense of the homeland is the duty of every citizen counter attack. Communist Soviet Socialist Constitution was civic duty to protect the homeland. Egypt is the mother country of the song - "O Mother of All Lands'. Bangladesh is also the mother country. In freedom movement 'Bharat Mata Ki Jai "was the echo. Vande Mataram was the paradigm of national Jivman. Muslim League refused to Mother India. Gandhi's Harijan wrote, "I do not think it is a Hindu song. Unfortunately we are seeing the bad day. "Of course they were the worst. Mother India is not a nation and those who broke the country. Separatist still, but Bharat Mata Ki Jai number of speakers is now 99 per cent. Muslims are not separatists. Written in the Constitution, the basic duty 'are readable. Is written in the Constitution and its ideals, institutions, and national anthem to honor the national flag. Follow the high ideals that inspired the national movement. These include Bharat Mata Ki Jai. Further wrote that India's sovereignty, unity and integrity to protect. Owaisi's statement is against the constitutional duty. Emotional attachment to the homeland with the world, but here is an attack on Mother India and Rashtrbav. Target Narendra Modi, the BJP and the RSS. But 'Bharat Mata' symbol and is not creating a sense of community. Mother Earth is the oldest sense of the world record in the Rig Veda. Atharva Veda hymns of the earth is the mother land and we are his sons. Mother India Mother Earth's physical and emotional perception of the country's cultural flow. Yogi Aurobindo, Vivekananda had this profound truth. Tagore, Bankim Chandra, Subhash Chandra, Tilak, Gandhi, Nehru and a related. RSS founder Dr. Hedgewar made it mantra of national awakening. The cause of antagonism towards the Union is expanding. Linguistic and geographical regions of the country in all the Bharat Mata Ki Jai. The separatists are battered wearily. But never heard of the self-styled religious leaders. Even self-styled leftist intellectual desperate disappointed. Such substances are tied. A hero of the independence Kashmiri Afzal Guru is announced next. Owaisis tenders are part of the same type of people. They are misinterpreting the religion and statements in the discussion to remain poor. Bharat Mata Ki Jai Congress speaks of the freedom movement, but now Congress is involved in such a game. Congress leader Ghulam Nabi Azad, the Union and the murderous Islamic State has tried. Azad are free to speak, but such a comparison is their Bhd. Charges' Back Fire "is. India is a vast country. Multiple languages, customs, despite the different geographical conditions in a quarter of a billion people are emotionally. International scholar EH car Rashtrgtn concerning the image of the country is also called for concerted expressions. A similar sense of Brtjnon Bharat Mata is assembled. Parliament and the National Mother India in early 1992 and began crying. KH Muniyappa and Mumtaz Ansari HRD Minister Arjun Singh in reply to the question of the national anthem in schools were not answered. Mumbai, the then MP (now Governor of UP) Ram Naik demanded discussion. "The Bhagat Singh and Bharat Mata Ki Jai Vande Mataram Speaking climbed hanging. Need to repeat all the country and the National. 'Arjun Singh had accepted all the facts. In the House national / national president is right. Shivraj Patil chaired the General Purposes Committee decided both singing. Currently the legislative institutions of the country in both songs are sung. Rashtrbav us all such attempts should continue to strengthen.)
(The author is the leader of the BJP in Uttar Pradesh Legislative Council)
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