आजकल शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसके जीवन में कोई समस्या न हो। कदम-कदम पर समस्याओं के अंबार लगे रहते हैं। समस्या निवारण के लिए कुछ लोग तो संघर्ष करते रह जाते हैं और कुछ उन पर विजय भी पा लेते हैं। लेकिन अनेक अपनी समस्याओं का हल पाने का सरल तरीका खोजने लग जाते हैं। यह तरीका उन्हें पाखंड की दुनिया में ले जाता है। वहां वे ईश्वर के दूत और सिद्ध पुरुष बताने वाले पाखंडी इंसानों के पास पहुंच जाते हैं। ये तथाकथित सिद्ध पुरुष अपने चारों ओर के वातावरण में अपने खास चेलों के साथ मिलकर इस प्रकार का जाल बुनते हैं कि भोला इंसान फिर उसी में फंसता चला जाता है। उसके निकलने की राह सरल नहीं रह जाती।
कुछ लोग नकली ज्योतिषीओ के चक्कर में भी पड़ जाते हैं, जो बारह राशियों में करोड़ों इंसानों का भविष्य तय करने का दावा करते हैं। उनसे प्रभावित होकर सरल व्यक्ति भी उनके चक्कर लगाता रहता है। नक्षत्र ज्ञान की जानकारी न होते हुए भी ये पाखंडी जमकर लूटते हैं। इस तरह भविष्यवक्ता तो अपने भविष्य को सुधार कर मजे करते हैं और प्रार्थी हिसाब लगाता रहता है कि कब उसकी समस्याओं का निवारण होगा।
पाखंड की दुकान चलाने वाले लूट-लूट कर इतने समर्थ हो चुके हैं कि उनके खिलाफ जाने की कोई हिम्मत ही नहीं करता। अपने कार्यों की असफलता और किसी विशेष समस्या से पीड़ित व्यक्ति जब तथाकथित साधु-संतों के आशीर्वादों से संतुष्ट नहीं होता तो वह तांत्रिकों की शरण में पहुंच जाता है। हर आने वाले को चमत्कारी बातें बताकर या कोई ऐसा कार्य दिखाकर आकर्षित करना इनका व्यवसाय है। सीधे सादे लोग इन्हें चमत्कारी समझ, इनके जाल में फंसते चले जाते हैं। इनका मजबूत जाल किसी को भी मूर्ख बनाकर फंसा सकता है। जरा सोचिए, यदि तांत्रिक के पास कोई शक्ति होती जिससे वह दूसरों की समस्या का निवारण कर सकता, तो वह सबसे पहले अपना जीवन न संवार लेता।
सच यह है कि अपनी समस्याओं को अपनी बुद्धि और परिश्रम से ही समाप्त किया जा सकता है। पाखंड में फंसकर समय और धन का नाश करने से बेहतर है इंसान खुद पर विश्वास करे। व्यक्ति का साहस, लगन और आत्मविश्वास ही उसकी समस्याओं का निवारण करता है। नहीं तो हमारी पूरी शक्ति दूसरों से प्रतिस्पर्धा में खप जाती है। हम खुद से प्रतिस्पर्धा करें न कि औरों से। सहयोग की भावना रखें, किसी व्यक्ति से मिलें, तो उसकी विशेषताओं, सद्गुणों का अनुकरण करने की कोशिश करें। इससे दोष अपने आप दूर होते जाएंगे। वैसे ही जैसे पेड़ के सूखे पत्ते अपने आप झड़ जाते हैं। आज कल कितने पाखंडी बाबा जेल जा चुके है और इनके कुकृत सभी जानते है. इनसे सावधान रहे, और अपने पर विश्वाश रखे. दुख के बादल एक दिन ख़त्म हो जाते है.
जय गुरुजी.
In English:
(Nowadays hardly an individual whose life is not a problem. At every step of the flooding problems remain. Troubleshooting If some people are just struggling and some of them even attain victory. But many find the simplest way to get your problem takes. This method takes them into the world of hypocrisy. There he proved prophetic and hypocritical men who described humans are reached. These so-called perfect man in his surroundings with your special disciples thus falls into the same trap Jail that foolish person goes again. There is no simple way to get him.
Some fake Astrologer also fall in the affair, in which the twelve zodiac signs to determine the fate of millions of humans claim. Impressed by him, rotating their lives simple person. Star was not much knowledge about these hypocritical rob fiercely. Such interesting predictor improve their future lives and when the applicant accordingly imposes his will troubleshoot.
Hypocrisy running store robbery-robbing has been so capable that does not dare to go against them. The failure of his actions and suffering from a particular problem when the person is not satisfied with the blessings of so-called saints, he gets to the shelter of the psychics. Each of the miraculous things by telling or showing a work for them to attract business. Understood by many miraculous simple, go get into their trap. They are puzzled by the strong net can fool anyone. To think that any power of the occult, which he could solve the problem of others, he first takes his life not pamper.
The fact that your problems can be eliminated from our intelligence and diligence. Hypocrisy is better than down in time and money to destroy human being believes in himself. Person of courage, determination and confidence that his concerns. If not in our full strength to compete with others shunted. We compete with ourselves rather than others. Keep the spirit of cooperation, to meet a person, its characteristics, virtues, try to emulate. This will blame myself away. Just like the dried leaves of the tree are automatically discharge. Nowadays many hypocritical saint was imprisoned and they all know bad activity. They are careful, and keep your faith. A day by draining the cloud of misery.)
Jai Guruji.
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