Monday, August 26, 2013

दिशाहीन युवा


दिशाहीन युवा जैसा की पुरे देश में दिल्ली की चर्चित रेप की घटनाये भूले भी नहीं थे की मुंबई में एक और इसी प्रकार की एक और घटनाये हो गई। जिस युवा को अपनी एनर्जी अपने सकारात्मक सोच में लगाना चाहिए वो रेपिस्ट बनकर एक मानसिक रोगी बनाते जा रहे है क्यों? आपने न्यूज़ सुना होगा ही तिहार जेल के कैदी भी ऐसे मुजरिम से कितने नफरत करते है, तो एक समाज कितना करेगा यह सोचने की विषय है, युवा को चिंतन करने की जरुरत है। हमने पढ़ा है की बच्चो का पहला पाठशाला उसका परिवार होता है, इसलिए समाज का भी दायित्व बनता है की बच्चो को ये जरुर पढाये की जैसे हमारे परिवार में भाई, बहन, माँ-बाप सभी एक दुसरे को प्यार करते है और अपना दायित्व जिम्मेदारी से उठाते है, वैसे ही दुसरे परिवारो का होता है हमें सभी की इज्जत, मान मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए। हम एक सामाजिक प्राणी है और हमें अपने समाज के मूल्यों पर ही चलना है। आजकल रेप जैसा सवेंदनशील मुद्दा पर भी हमारे राजनितिक दल घटिया राजनीती करने से बाज नहीं आते। ऐसे मुद्दों पर सभी राजनितिक दलों को एकमत होकर ठोस कानून संबिधान के द्वारा बनाना चाहिए एवं कठोर से कठोर (मृतुदंड, पिरादायक वाला) सजा का प्रावधान तीन महीने के भीतर होनी चाहिए ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके, और कानून में ये ठोस प्रावधान हो की इनका गलत दुरूपयोग बिलकुल नहीं हो, नहीं तो इनके दूरगामी परिणाम ख़राब हो सकते है। सभी राजनेताओ को ये बात ध्यान रखनी चाहिए की सत्ता हमेशा एक की जागीर नहीं होती है, क्योकि सत्ताविहीन होते ही अपराधी उन पर उनके परिवार पर भी हावी हो सकते है जैसा की कई बार देखा गया है, इसलिए एक सुर में एसे अपराधो पर लगाम लगाने की तुरंत कोशिश करनी चाहिए। ऐसे स्पीच नहीं देने चाहिए की "हमारे अंडर में पुलिश नहीं है, मै क्या करू ?" "मेरी बेटिया ही सुरक्षित नहीं लगती, मै क्या करू?" ये बयां एक कमजोर एवं भ्रष्ट प्रशासन की ओर इशारा करता है, अगर प्रशासन दृढ् निश्चय कर ले तो एसे अपराधियों को अपराध करने से पहले कई बार विचार करना होगा। आशा है की लोग, समाज, एवं राजनेताओ में अब चेतना आयेगी और फिर ऐसी कोई खबर पढ़ने को नहीं मिलेगी। और एक नया समाज का निर्माण हो सकेगा।

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