एक बार महात्मा गांधी काशी आए। वह काशी विद्यापीठ में ठहरे। उनके साथ मदनमोहन मालवीय, राजर्षि टंडन, राजेंद्र प्रसाद और कई अन्य प्रमुख नेता भी थे। विद्यापीठ के परिसर में एक कुआं था। एक स्वयंसेवक को जिम्मेदारी दी गई कि वह नेताओं के स्नान की व्यवस्था उनके कमरे के पास ही करे। वह कुएं से पानी निकाल रहा था कि तभी केवल धोती लपेटे खुले बदन राजेंद्र बाबू वहां पहुंचे। उन्होंने उस स्वयंसेवक से कहा,‘भइया, एक मिनट के लिए मुझे बाल्टी दे दो। मैं कुएं से पानी निकाल कर स्नान कर लूं।’ स्वयंसेवक राजेंद्र बाबू को पहचानता नहीं था। उसने कहा,‘बाल्टी अभी खाली नहीं है। अभी तो मैं बाहर से आए बड़े-बड़े नेताओं के कमरे में पानी पहुंचा रहा हूं।’ इस पर राजेंद्र बाबू मुस्कराए और बोले,‘कोई बात नहीं। अभी तुम अपना काम कर लो। जब बाल्टी खाली हो जाए तो दे देना।’ इतना कह कर वह कुएं के चबूतरे पर बैठ गए। कुछ देर के बाद ठक्कर बापा आए। उन्होंने राजेंद्र बाबू को बैठा देख कर कहा, ‘अरे, राजेंद्र बाबू आप यहां कैसे बैठे हुए हैं। चलिए कमरे में। यह आदमी आपके लिए वहीं पानी पहुंचा देगा। वहीं नहा लीजिएगा।’ राजेंद्र बाबू का नाम सुनते ही स्वयंसेवक सकपका गया। उसने बाल्टी को कुएं पर रखा और दौड़ कर राजेंद्र बाबू के पांव पकड़ने के लिए झुका। राजेंद्र बाबू ने उसे झुकने से पहले ही पकड़ लिया और स्नेहपूर्वक कहा, ‘भइया, तुम यह क्या कर रहे हो।’ स्वयंसेवक क्षमा याचना करने लगा। राजेंद्र बाबू बोले,‘तुमने तो कोई गलती की ही नहीं तो फिर क्षमा क्यों मांग रहे हो। तुम तो अपना काम ईमानदारी और निष्ठा से कर रहे हो।’ यह कहकर राजेंद्र बाबू ने स्वयं पानी निकाल कर स्नान किया। उनकी सादगी देख कर स्वयंसेवक भाव-विभोर हो गया।
जय गुरूजी.
In English:
(Once the Mahatma Gandhi Kashi. He stayed in Kashi Vidyapeeth. He Malaviya Rajarshi Tandon, Rajendra Prasad and several other leaders were. School was a well in the compound. A volunteer was given the responsibility that politicians close to the bath arrange their room. He was removing water from the well that only just wrapped loincloth Rajendrababu open body arrived there. He said the volunteer, 'Brother, give me a bucket for a minute. I take a bath to remove water from the well. "Rajendra Babu recognizes volunteer
was not. He said, "There is now empty bucket. Just so I came out of the great leaders have been brought water into the room. 'It Rajendra Babu smiled and said, "Never mind. Now you get your job. If the bucket is empty give. "So saying, he sat down on the terrace of the well. After a while came Thakkar Bapa. He sat down to see Rajendra Babu said, "Hey, how are sitting here Rajendra Babu. Let us in the room. This man will bring to you the water. Lijiaga the bath. "Rajendra Babu, after hearing the name of the volunteer was nervous. He put the bucket on the well and the foot race to catch Rajendrababu hooked. Rajendra Babu and caught him before bending affectionately said, "Brother, you're doing it. 'Volunteer felt apologies. Rajendra Babu said, "You have not made a mistake, then why are you asking for forgiveness. You're doing your job honestly and sincerely. "This saying Rajendra babu own bath water out. Volunteers were ecstatic to see their simplicity.)
Jai Guruji.
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